पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद कांग्रेस हाईकमान पार्टी की सर्जरी में जुट गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का पूरा ध्यान अब राज्यों में संगठन के भीतर चल रही गुटबाजी दूर करने पर है। हरियाणा में सभी कांग्रेस नेता एकजुट होकर सत्तारूढ़ भाजपा और अन्य दलों का मुकाबला करें, इसके लिए राहुल गांधी ने 25 मार्च को दिल्ली में बैठक बुलाई है। राहुल इस बैठक में सभी बड़े नेताओं के साथ चर्चा कर उनकी नब्ज टटोलेंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, प्रभारी विवेक बंसल, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, विधायक किरण चौधरी, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव सहित अनेक नेता शामिल होंगे।
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राहुल प्रदेश में कांग्रेस को और मजबूत करने के लिए सभी नेताओं से एक–एक कर सुझाव लेंगे। संगठन को धरातल तक खड़ा करने पर भी चर्चा होगी। प्रदेश में सात साल से अधिक समय से कांग्रेस संगठन नहीं है। जिला और ब्लॉक अध्यक्ष तक नहीं बन पाए हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के समय भी संगठन का गठन नहीं हो पाया और अब सैलजा के दो साल से अधिक समय के कार्यकाल में भी स्थिति जस की तस है। प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है। सभी बड़े नेताओं के अलग–अलग सुर और रास्ते हैं, जिससे पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। कांग्रेस हाईकमान लगातार प्रदेश को लेकर फीडबैक जुटा रहा है। उसके मद्देनजर ही सभी नेताओं को दिल्ली बुलाकर एकता में बल है, का पाठ पढ़ाया जाएगा।
बीते दिनों भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात हुई है। हुड्डा समर्थक विधायक भूपेंद्र या दीपेंद्र के हाथ संगठन की कमान चाहते हैं। G23 के जनाधार वाले सबसे बड़े नाम भूपेंद्र हुड्डा को अगर गांधी परिवार साध लेता है तो पार्टी के अंदर उपज रही इस समूह की चुनौती को कमजोर किया जा सकता है। पार्टी नेताओं के साथ बैठक में राहुल हरियाणा के नेताओं का मन भी टटोलने की कोशिश करेंगे।
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