(प्रदीप कुमार): भारतीय विदेश मंत्रालय ने वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC को लेकर चीन के साथ चल रहे विवाद पर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्थिति अभी सामान्य नहीं है। हालांकि दोनों देशों के बीच कुछ साकारात्मक कदम उठाए गए हैं। लेकिन ये कदम पर्याप्त नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि स्थिति सामान्य करने के लिए दोनों देशों की ओर से अभी और भी कदम उठाए जाने की जरूरत है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि, ‘LAC पर डिसइंगेजमेंट के जो कदम जरूरी हैं, अभी उस स्थिति तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसा कहना सही नहीं होगा कि स्थिति सामान्य है। कुछ सकारात्मक कदम हुए हैं, लेकिन कुछ कदम अभी शेष हैं।
इसी के साथ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अन्य मुद्दों पर पूछे गए सवालों के भी जवाब दिए। पाकिस्तान की हिरासत में भारतीयों की मौत के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले 9 महीने में पाकिस्तान की हिरासत में 6 भारतीय लोगों की मौत हुई है जिसमें से 5 मछुआरे थे। इन सभी 6 लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली थी। भारत के द्वारा उनकी देश वापसी की अपील के बावजूद उन्हें गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखा गया।
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कैलिफोर्निया में एक भारतीय मूल के परिवार की हत्या पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि घटना चौंकाने वाली है। हमारा दूतावास परिवार के संपर्क में है। मर्सिड काउंटी की पुलिस मामले की जांच कर रही है। हम उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इंडियाना (यूएस) छात्रावास में भारतीय मूल के छात्र की हत्या पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें बताया गया है कि अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने अमेरिका को पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके में अमेरिकी राजदूत की यात्रा पर अपनी आपत्ति से अवगत करा दिया है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को F-16 जेट पर MEA ने कहा कि अमेरिका ने कुछ स्पष्टीकरण दिया लेकिन इस मुद्दे पर हमारे विचार संयुक्त राज्य अमेरिका को बहुत अच्छी तरह से ज्ञात हैं।
चीन में मानवाधिकार उल्लंघन पर UN में मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत की दूरी पर भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जवाब दिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि UNHRC में भारत का वोट लंबे समय से चली आ रही स्थिति-देश-विशिष्ट प्रस्तावों के अनुरूप कभी मददगार नहीं होता। भारत ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए बातचीत का पक्षधर है। चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों की चिंताओं का आकलन नोट किया गया है। चीन के शिनजियांग प्रांत के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
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