रोहतक (देवेंदर शर्मा): जिले के गांव इस्माईला की पायल ने 12 से 28 अक्टूबर तक इजिप्ट के कायरा में हुई शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंगल में रजत और डबल्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का परचम लहराया है। आज पैतृक गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ भव्य स्वागत किया है। कभी बड़े भाई को खेलता देख लुक चुप कर अभ्यास करने वाली पायल महज 1 साल की मेहनत के बाद ही वर्ल्ड चैंपियनशिप बन गई। हालांकि पायल के मां-बाप पायल के खेलने पर खुश नहीं थे बल्कि वह उसे आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे पायल हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स में m.a. छात्रा है। 25 मीटर रैपिड फायर मिक्स इवेंट में गोल्ड और 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में ब्राउज जीतने वाली पायल का अगला लक्ष्य ओलंपिक खेलना है। पायल के वर्ल्ड चैंपियन बनने पर परिजन और कोच काफी खुश हैं।
पहले ही प्रयास में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिताब जीतने वाली पायल अपनी उपलब्धि पर काफी खुश है। पायल ने बताया कि जब उसने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने शुरू किए तो अपने खेल पर फोकस करना शुरू कर दिया है इससे पहले उनके घर वाले नहीं चाहते थे कि वह किसी भी खेल में पदार्पण करें लेकिन वह अपने बड़े भाई की गन से कभी कभार अभ्यास करने लगी। क्योंकि उस का रुझान पहले से ही खेल की तरफ था। इसके बाद गन एंड गटस एकेडमी में प्रशिक्षण के बाद उसने पहले ही प्रयास में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेकर सिंगल में रजत और डबल्स में गोल्ड जीत लिया अब वह ओर मेहनत करेगी जिसके चलते वह ओलंपिक खेलना चाहती है। उसने कहा कि मेहनत और लगन से अगर किसी भी क्षेत्र में काम किया जाए तो कोई भी काम किसी के लिए मुश्किल नहीं होता है।
शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेकर आज अपने पैतृक गांव लोटी पायल का परिजनों सहित ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया है। इस मौके पर परिजनों ने कहा कि यह सच्चाई है कि वह पायल को आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते हैं क्योंकि वह पढ़ाई में बहुत ही अव्वल है। लेकिन पायल ने अपने बड़े भाई को शूटिंग करते देख ठान लिया था कि वह भी शूटिंग में हाथ आजमाएगी और अपने बड़े भाई की गन से ही घरवालों से लुक छुप कर अभ्यास करने लगी। एक दिन रोहतक स्थित गन एंड गेट्स एकेडमी पर प्रशिक्षण के लिए पहुंच गई अभी पायल को एकेडमी पर प्रशिक्षण लेते हुए महज एक ही साल हुआ था कि उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में परचम लहरा दिया। परिजनों को उम्मीद है कि पायल ओलंपिक में भी पदक लेकर लौटेगी ।
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कोच योगेश खत्री ने बताया की पायल साल भर पहले अपने बड़े भाई और पिता के साथ उनकी एकेडमी पर आई थी। जब उसने यहां गन उठाकर खेलना शुरू किया तो उनको एहसास हो गया था की पायल में शूटिंग खेल के प्रति काफी लगाव है और वह काफी आगे तक जा सकती है। इसके बाद पायल को उनकी देख-रेख में केवल 1 साल ही प्रशिक्षण दिया गया था जिसके बाद उसने राष्ट्रीय स्तर पर खेलकर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए जगह बनाई और परिणाम हम सबके सामने है। कोच को उम्मीद है की पायल इस खेल में काफी आगे तक जाएगी।