( प्रियांशी श्रीवास्तव ): 16 दिसंबर ये वो तारीख है जिसे काली रात के नाम से जाना जाता है। दिल्ली में हुए कांड ने दिल्ली ही नही पूरे देश को दहला कर रख दिया था । जिससे हर कोई इस घटना से आज भी शर्मसार है। उस काली रात की चीख पूरे देश में गूंज उठी थी । एक ऐसी हकीकत जो हर जहन में आज भी जिंदा है। आज भी जब कोई ऐसी वारदात होती है तो निर्भया की याद दिला देती है। तो आज वहीं तारीख है जिसने निर्भया के साथ हुई बर्बता की गवाह बनी है
दिल्ली की वो काली और सर्द रात, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। दिल्ली का निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामला, जिसे सुनकर हर किसी के आंखों से आंसू निकले और लोगों के मन से ऐसा गुस्सा फूटा कि लोग निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर उतर आए। आज इस घिनौने और खौफनाक सच के दस साल पूरे हो चुके हैं।
इस हैवानी हरकत को अंजाम देने वाले शैतानों का नाम विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह था। इसके अलावा एक शख्स जो नाबालिग था वह इस केस में कम उम्र के कारण सजा से बच गया था। वहीं एक अन्य शख्स ने केस के बीच में ही जेल में ही फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।
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लेकिन ये सिलसिला थमा नही आज भी कही न कही से ऐसी ही खौफनाक , घिनौनी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। कही रेप तो कही आग के हवाले कर देना तो कही बीच सड़क पर रेप करके छोड़ दिया जाता है । जैसे हाल ही में दिल्ली में श्रृद्धा के 35 टुकडे कर दिए गए। महिला सुरक्षा की बात तो कही जाती है लेकिन देखा जाए तो महिलाओ के साथ हो रही हैवानियत ने सुरक्षा को घेरे में ला दिया है।
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