अमन पांडेय : देश के कुछ राज्यों मे आलू और प्याज के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं। जिसे लेकर किसान परेशान है। आपको बता दें कि पंजाब और उत्तर प्रदेश और कुछ दूसरे राज्यों में भी आलू की कीमतों का बूरा हाल है। ताजा हलात के बाद किसानों की पीड़ा और बढ़ गई है। बाजार में घटती मांग की वजह से बहुत सारे किसानों को अपनी फसल खेत में ही नष्ट करनी पड़ी है।
प्याज आलू, टमाटर और दूसरी सब्जियों की बंफर फसल हुई है। जाहिर है कि इनकी कीमतें उम्मीद के साथ गिर गईं। महाराष्ट्र में प्याज उगाने वाले बहुत सारे किसानों को अपनी पैदावार 1 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं कुछ ने सड़को पर फेंक दिया।
प्याज जैसा आलू का हाल
पंजाब, हरियाणा, यूपी और कुछ राज्यों में आलू की पैदावार के साथ भी यही हाल है। इस साल आलू के दाम में 60-76 प्रतिशत तक गिरावट हुई। पिछले साल मिलने वाले 10 रुपए किलो के भाव की तुलना में पंजाब के किसानों को इस बार 4 रुपए किलो तक पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। हरियाणा में आलू किसानों का कहना है कि एक आलू उगाने का खर्च 7-8 रुपए किलो है। किसानों के मुताबिक, जब भी बाजार में उपज की अधिकता हो जाती है, वे आलू को जमीन से निकालते और उन्हें बाजार में उपज की अधिकता हो जाती है, वे आलू को जमीन से निकालने और उन्हें बाजार भेजना बंद कर देते हैं। बहुत सारे ऐसे मामले आए, जब किसानों को मजबूरी में अपनी पैदावार खेत में ही तबाह करनी पड़ी।
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कैसे बिगड़े हालात ?
महाराष्ट्र में खरीफ की प्याज की फसल का रकबा बढ़ने की वजह से उत्पादन में 20 फीसदी की वृध्दि हुई जो इस अति बंपर उपज के लिए जिम्मेदार है। वहीं खरीफ सीजन वाले प्याज की खराब न होने के की समसीमा या शेल्फ लाइफ रबी फसल के मुकाबले बेहद कम होती है। खरीफ की उपज को 7 से 8 दिन में बेजना पड़ता है। वहीं, इस साल उत्तर पश्र्चिम भारत में फरवरी महीने में तापमान में असामान्य बढ़ोतरी भी फसलों के जल्दी तैयार होने के लिए जिम्मेदार है।
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