नोएडा निवासी डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने 20 मार्च को संतोष सिंह भदोरिया उर्फ़ करोली बाबा के खिलाफ बिधनू थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने बाबा पर चमत्कार न दिखा पाने की बात कहने पर समर्थकों से लाठी-डंडों से मारपीट कराने का आरोप लगाया था। बिधनू थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद से बाबा करौली ने अपने समर्थकों को आगे किया है। समर्थकों द्वारा दावा किया जा रहा है कि बाबा के वैदिक उपचार से उनके परिजन गंभीर रोगों से मुक्त हो गए।
उधर बाबा करौली ने डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी के साथ किसी भी तरह की मारपीट से इनकार किया था। लेकिन बुधवार को सुबह एक नया वीडियो सामने आया जिसमें बाबा के सुरक्षाकर्मी डॉक्टर सिद्धार्थ को धक्का-मुक्की करते हुए ले जा रहे हैं। डॉक्टर देवेंद्र द्विवेदी ने भी पुलिस कमिश्नर से मिलकर बाबा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने भी बाबा पर लगे आरोपों और एफआईआर के बाद सख्त रुख दिखाया है और जल्द से जल्द संतोष सिंह भदोरिया उर्फ़ करौली बाबा से पूछताछ के संकेत दिए हैं।
JCP आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि डॉक्टर के साथ मारपीट मामले में लोगों से भी वीडियो मांगे गए हैं। दरअसल, डॉक्टर साहब ने रिपोर्ट करने में देरी की। लिहाजा सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है। हमने लोगों से वीडियो मांगे हैं। कुछ वीडियो हमें मिले भी हैं। उसी के आधार पर अब आगे की पूछताछ की जाएगी।
कौन है करौली बाबा?
संतोष सिंह भदौरिया मूल रूप से उन्नाव के बारह सगवर के रहने वाला है। वो कभी किसान नेता था। 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता हैं। संतोष सिंह पर जमीनों पर अवैध कब्जा करने का भी आरोप लगा। उस पर एक चर्च की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है। उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज है। उसके अपराध का सफर 1992 से शुरू हुआ था। 92 में उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस में उसे 93 में जमानत मिली। इसके बाद 94 में उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई थी।
1994 में संतोष भदौरिया व उसके साथियों के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद संतोष के खिलाफ 1995 में बर्रा में भी एफआईआर दर्ज हुई थी।
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इस बीच संतोष सिंह भदौरिया कोयला निगम का चेयरमैन भी बना। सबसे पहले उसने शनि भगवान का मंदिर बनवाया। कुछ जमीन और खरीद करके उसने करौली आश्रम शुरू कर दिया। इस आश्रम में उन्होंने आयुर्वेदिक हॉस्पिटल शुरू किया। इसके बाद उन्होंने वहां पर कामाख्या माता का मंदिर बनवाया। उनका आश्रम 14 एकड़ में फैला हुआ है। करौली बाबा संतोष सिंह भदौरिया पर आरोप है कि उसने बिधनू में भूदान पट्टा के सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करके आश्रम खोला।