सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’… कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कर्नाटक में एक रैली में दिए इस बयान पर खूब हल्ला मचा था। बयान के खिलाफ गुजरात की सूरत कोर्ट में मानहानि का केस भी दर्ज कराया गया था। अब करीब चार साल बाद आज इस मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट फैसला सुना सकती है।राहुल गांधी भी कोर्ट की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहेंगे।
क्या है मामला ?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।
अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे।वे दिसंबर में सूरत से दोबारा विधायक चुने गए हैं।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
राहुल इस मामले में पिछले बार 2021 में सूरत की कोर्ट में पेश हुए थे।उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था।राहुल गांधी के वकील किरीट पनवाला के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
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पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक के वकील ने कोर्ट में बताया था कि गांधी के कोलार भाषण वाली सीडी और पेन ड्राइव से साबित होता है कि कांग्रेस सांसद ने वास्तव में मोदी सरनेम परटिप्पणी की थी, और उनके बयानों ने समुदाय को बदनाम किया।