(अवैस उस्मानी )-वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई, सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI सर्वे के निचली अदालत के आदेश पर 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक अंतरिम रोक लगाई, सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट जाने की इजाज़त दी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाईकोर्ट अंतरिम रोक खत्म होने से पहले सुनवाई करे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का कोई असर नहीं होगा, सुनवाई के दौरान यूपी सरकार और हिन्दू पक्षकार ने ASI सर्वे पर रोक लगाने का विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ASI के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI सर्वे के वाराणसी जिला अदालत पर रोक लगाने की मांग वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ , जस्टिस मनोज मिश्रा , जस्टिस जे.बी.पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई के बाद जिला अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर रोक लगाने की मांग किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पहले आपको हाई कोर्ट जाना चहिये, सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपको सबसे पहले हाई कोर्ट जाकर वहां पर मामले को रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से वकील हुसैफा अहमदी ने कहा वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को एक आदेश दिया गया जिसमें पूरे परिसर के सर्वे का आदेश दिया गया, ASI का सर्वे आज सुबह 7 बजे से शुरु हो गया है, हमको जिला अदालत आदेश को चुनौती देने का मौका नहीं मिला, इसलिए सीधा सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की है।
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सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा निचली अदालत के ASI सर्वे के आदेश पर रोक नहीं लगानी चहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में केवल वीडियोग्राफी, मैपिंग , रडार मैपिंग आदि हुआ है। वहां पर खुदाई नहीं कि गई है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा मुस्लिम पक्ष को 2 दिन का समय हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती देने के लिए देना चहिए। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने निचली अदालत का आदेश नहीं देखा है, लेकिन पिछली बार स्ट्रक्चर के कार्बन डेटिंग के आदेश को चुनौती दी गई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई अंतरिम आदेश देता है तो उसका असर हाई कोर्ट की सुनवाई पर पड़ेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वहां पर सिर्फ रडार इमेजिंग, ओर फोटोग्राफी की जारी है इससे स्ट्रक्चर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। तुषार मेहता ने कहा की यह एक तरह का एंबु (घात लगाकर हमला) की तरह हुआ है। हिंदू पक्ष ने विरोध किया कहा की ASI सर्वे का मामला सूचिबद्ध नही है। सील किया हुआ एरिया इस सर्वे में शामिल नहीं है। हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया कहा अगर एक बार स्टेट्स को का आदेश होगा तो वो हमेशा के लिए चलेगा। हिंदू पक्ष ने कहा की ASI के डायरेक्टर को निचली अदालत ने आदेश दिया था की किसी भी तरह का डेमेज नही होना चाहिए।
मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि ASI टीम ने वहां पर खुदाई करनी शुरु कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि वहां पर मैपिंग, और फोटोग्राफी की जा रही है ऐसे आप कैसे कह सकते है कि वहां पर खुदाई की जाए गई। ASI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वहां पर कोई खुदाई नहीं कि गई है, ASI ने कहा वहाँ पर सिर्फ वीडियोग्राफी, मैपिंग , रडार मैपिंग आदि हो रही है। ASI ने ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में ASI फिलहाल खुदाई जैसा काम नहीं करेगा। 31 जुलाई तक खुदाई का काम नहीं करेगा, सिर्फ मैपिंग, फोटोग्राफी और रेडार इमेजिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ASI की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लिया।
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