Delhi University Students Union Elections-दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की शनिवार सुबह शुरू हुई मतगणना जारी है। सेंट्रल पैनल के सभी चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के परिणाम जल्द ही घोषित होने की उम्मीद है।डीयूएसयू चुनाव के लिए 24 उम्मीदवार मैदान में हैं। डीयूएसयू चुनाव पिछली बार 2019 में हुए थे।
कोविड-19 के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधानों के कारण 2022 में इसका आयोजन नहीं हो सका था।चुनाव के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी चंद्र शेखर ने कहा कि विश्वविद्यालय में 42 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
हालांकि इस बार मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में ज्यादा था। इस बार 39.90 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था लेकिन ये 2018 के लगभग 11 साल के उच्च आंकड़े को पार करने में विफल रहा। 2018 में 44.46 प्रतिशत और 2017 में 42.8 प्रतिशत मतदान हुआ था।केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेजों और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से आयोजित किए गए थे, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान पेपर बैलेट पर हुआ था।
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छात्रों के लिए, मुख्य मुद्दों में फीस बढ़ोतरी से लेकर किफायती आवास की कमी, कॉलेज उत्सवों के दौरान सुरक्षा बढ़ाना और मासिक धर्म की छुट्टियां शामिल थीं।कई छात्र संगठनों को राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए ये चुनाव उनके लिए युवा मतदाताओं का मूड भांपने का जरिया भी है।
कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने 17 कॉलेजों में संघ चुनाव जीतने का दावा किया है जबकि आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने 34 में जीत का दावा किया है।
एबीवीपी, एनएसयूआई, सीपीआई (एम) समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और सीपीआई (माले)-लिबरेशन से जुड़े ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने सभी चार केंद्रीय पदों के लिए उम्मीदवार उतारे थे। एबीवीपी ने 2019 के चुनावों में चार में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। डीयूएसयू अधिकांश कॉलेजों और फैकेल्टी के लिए मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना छात्र संघ भी होता है, जिसके चुनाव सालाना आयोजित किए जाते हैं।..Delhi University