तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा ने शनिवार को बोधगया में महाबोधि स्तूप में लोगोें और अंतरराष्ट्रीय संघ मंच के प्रतिनिधियों के साथ विश्व शांति प्रार्थना सत्र में हिस्सा लिया।इससे पहले बुधवार को दलाई लामा ने बोधगया में ‘परंपराओं को जोड़ना आधुनिकता को अपनाना आज की दुनिया में बुद्ध की शिक्षा पर संवाद’ विषय पर तीन दिन के अंतरराष्ट्रीय संघ फोरम (आईएसएफ) 2023 का उद्घाटन किया।अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बोधगया में आयोजित इस कार्यक्रम में अलग-अलग देशों के बौद्ध परंपराओं के दो हजार से ज्यादा मठवासी हिस्सा ले रहे हैं।
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अलग-अलग बौद्ध परंपराओं के भिक्षु, नन और भिक्खु विद्वान विनय नियमों के बारीक पहलुओं और 21वीं सदी में बौद्ध धर्म की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं।आईएसएफ के अनुसार, “सम्मेलन का प्राथमिक फोकस भारत, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशियाई देशों के पाली परंपराओं को मानने वाले लोगों के बीच संवाद और सहयोग विकसित करना है।तिब्बत, भूटान, नेपाल, वियतनाम, चीन, ताइवान, जापान, कोरिया, रूस, मंगोलिया और दुनिया के दूसरे हिस्सों से संस्कृत परंपरा के लोगों पर फोकस है।
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