गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को राज्य की गिफ्ट सिटी में शराबबंदी हटाने के गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।गुजरात की बीजेपी सरकार ने शुक्रवार को गिफ्ट सिटी में शराब पीने पर लगी पाबंदी को शर्तों के साथ हटा दिया।इस कदम का विरोध करते हुए गोहिल ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि राज्य सरकार को इतना पैसा किसने दिया कि उन्होंने गिफ्ट सिटी से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया।
गुजरात सरकार ने बयान में कहा कि ये कदम गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में एक “ग्लोबल बिजनेस इकोसिस्टम” देने की कोशिश है, जो आर्थिक गतिविधियों से भरपूर है गुजरात वो राज्य है जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। ऐसे में गुजरात के राज्य बनने के बाद से ही वहां शराब बनाने, उसके स्टोरेज, बेचने और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि आज भाजपा की गुजरात सराकार ने इस गुजरात में गांधीनगर के गिफ्ट सिटी के अंदर दारू बंधी को हटाने का निर्णय किया है और अब वहां शराब बिकेगी लोग शराब पिएंगे और इस तरह से करने से मेरे गुजरात को हमारे को एक बहुत बड़ा नुकसान करने जा रहा है।पता नहीं कौन सी बड़ी आमदनी इनको दिख गई है या किसने कितने पैसे दिए है कि इस शराब बंदी को इस गिफ्ट सिटी से हटाने का काम किया गया। पूरे गुजरात में भाजपा के हफ्ते चलते है, पैसे खाते है और नशीली चीजें जो शराब बंदी होने के बावजूद मिल रही है उसको टाइट करना चाहिए प्रोहिबिशन पॉलिसी को बड़ कड़ी सख्ती से वहां इंप्लीमेंटेशन होना चाहिए वो नहीं करने के साथ-साथ अब तो गिफ्ट सिटी में पिछले बैक डॉर एंटरी करके प्रोहिबिशन को नशा बंदी को हटाने का निर्णय भाजपा सरकार ने किया है ये दुख की बात है।