Railway News: राजेंद्र नगर से पटना के रास्ते चली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस जब नई दिल्ली पहुंची, तो कोच अटेंडेंट रणधीर कुमार सिंह को नोटों और गहनों से भरा थैला मिला। बावजूद इसके उन्होंने अपना ईमान डिगने नहीं दिया।
लावारिस बैग के बारे में तुरंत ट्रेन के टीटीई को सूचना दी। टीटीई साहब ने भी तत्परता से काम किया और कोच के चार्ट को देखा। जो यात्री बी-4 में सीट नंबर 17/18 के आसपास बैठे हुए थे उन सबको फोन लगाया तो पता चला कि बाग मिर्जापुर से गाड़ी पर चढ़े राजन पाठक जी का है। परिवार में कई सदस्य थे तो उन लोगों को पता ही नहीं चला कि कौन व्यक्ति कौन सा बैग लेकर उतरा है। ऐसे में कीमती सामान से भरा बैग ही रेलवे कोच में छूट गया था।
राजन पाठक आधे रास्ते से वापस स्टेशन लौटे। स्टेशन के अधिकारियों तक पहुंचे जहां उनसे बाग में रखे सामानों के बारे में विस्तार से पूछताछ की गई। नई दिल्ली स्टेशन के अधिकारी जब संतुष्ट हो गए कि बैग राजन पाठक का ही है तो उसे उन्हें लौटा दिया गया। विंध्याचल धाम के पुजारी राजन पाठक ने कोच अटेंडेंट की ईमानदारी की सराहना की और बेहतर सेवा के लिए रेलवे को धन्यवाद दिया।