दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच लगातार नए विवादों के मामले राजनीतिक गलियारों में सामने आते रहते है। एक बार फिर राजनीतिक सियासत का मोड़ बदलता हुआ नजर आ रह रहा है। हाल ही में हुई जीत ने एक तरफ पार्टी का मनोबल बढ़ा दिया है वहीं नए आरोपों की गुत्थी ने सियासत की गर्मी को बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में आज दिल्ली के उपराज्यपाल ने आम आम आदमी पार्टी पर नए आरोप लगाए है।
दिल्ली के उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार से राजनीतिक विज्ञापन को सरकारी विज्ञापन बता कर छापने पर ₹97 करोड़ वसूल करने के आदेश दिये है। उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिए है। उपराज्यपाल ने कहा है कि AAP सरकार पर SC के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है।
हालांकि लगे आरोप पर आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जवाब दिया है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज एक और लव लेटर भेजा गया है। कई साल पुराना विज्ञापन का मामला निकाला गया। एलजी के पास कोई पावर नही है की वो इस तरह का आदेश दे सके। जिनके पास कोई पावर नही वो आदेश पारित कर रहे है। LG बोल रहे है की दिल्ली के विज्ञापन दिल्ली के बाहर कैसे छप रहे है, बता दे दिल्ली का कोई अखबार ऐसा नहीं है जहा दिल्ली में बीजेपी के विज्ञापन नही हो गोवा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के विज्ञापन दिल्ली में छपे है। बीजेपी का अब सीधा झगड़ा दिल्ली के लोगो से है। बीजेपी मोहल्ला क्लिनिक में अगर दवा मिल रही थी तो बजट रोक दिया विधवा और विकलांग की पेंशन रोकी जा रही है हर तरीके से दिल्ली वालो को परेशान करने की कोशिश की जा रही है।
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बीजेपी की सरकार जिन राज्यों में है इन राज्यों के विज्ञापन देखे तो 22 हजार करोड़ बनता है जो इनके अलग अलग राज्यों में छपे है। बीजेपी बताए वो कब देंगे। एलजी सहाब को कोई कानून की समझ नही है। कोई साल पहले जो मामला दफन हो गया है बस हेडलाइन बनने के लिए किया जा रहा है। दिल्ली वालो को परेशान किया जा रहा है। बीजेपी को एमसीडी में रिजेक्ट कर दिया इसलिए बीजेपी परेशान है और आम आदमी पार्टी 10 साल में राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। ये बीजेपी की खिस्याहट है।