Abu Dhabi Hindu Temple: अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे।मंदिर राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है। गंगा और यमुना नदियों का पवित्र जल भी वहां भेजा गया है।राजस्थान के गांवों में तराशे गए बलुआ पत्थर के स्लैब 700 से ज्यादा कंटेनरों में अबू धाबी ले जाए गए।मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना नदियों का पवित्र जल बहता है। ये विशाल कंटेनरों में भारत से भेजा गया था। जिस तरफ गंगा का पानी बहता है, उसमें एक एंफीथिएटर भी है। उसे घाट के आकार में डिजाइन किया गया है।
लकड़ी के जिन ट्रंकों में पत्थरों के स्लैब पैक गिए गए थे, उनका इस्तेमाल कर मंदिर के लिए फर्नीचर बनाया गया है।इसमें टेबल, कुर्सियां और जूता रैक शामिल हैं।कुल 27 एकड़ में फैले मंदिर का काम 2019 में शुरू हुआ। मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दान में दी है।तीन और हिंदू मंदिर दुबई में हैं। अबू धाबी बीएपीएस मंदिर खाड़ी इलाके में सबसे बड़ा है।
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स्वामी ब्रह्मविहरिदास, अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रमुख, बीएपीएस: जिन पैलेटों से यहां पत्थर लाए गए थे, वे पांच किलोग्राम से लेकर 20 टन तक छोटे थे। इस पूरी अवधि में हमारे पास 700 से ज्यादा शिपमेंट आए होंगे। एक भी टुकड़ा टूटा नहीं था। फिर, पैलेटों का इस्तेमाल सुंदर बेंच, कुर्सियां, टेबल और हमारे यहां बगीचे में मौजूद हर चीज को बनाने के लिए किया गया।”
आस्था ठक्कर, मंदिर में स्वयंसेवक: यहां पर जो आप मंदिर देख रहे हैं। वो एक तीन नदियों के संगम पर बना हुआ है।गंगा, यमुना, सरस्वती। मेरे राइट पर गंगा घाट बनाया है। वाराणसी का गंगा घाट। शाम को आरती होगी।”
लीना पटेल, मंदिर में स्वयंसेवक – मंदिर का बाहरी भाग पूरी तरह से राजस्थानी बलुआ पत्थर से बना है। पूरी नक्काशी भारत के बहुत प्रतिभाशाली कारीगरों ने की है। मंदिर के पूरे आंतरिक हिस्से में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। पूरे मंदिर में पत्थरों को एक साथ जोड़ने के लिए किसी भी स्टील या लोहे का उपयोग नहीं किया गया है।”
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