Manmohan Singh News: जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर आई, श्रद्धांजलियों का तांता लग गया। शुरुआती श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस नेता शुमार थे। कई नेता कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्य समिति की विशेष बैठक में शिरकत कर रहे थे।खबर मिलते ही पार्टी ने आगे की सारी योजनाएं स्थगित कर दीं। सभी वरिष्ठ नेता दिल्ली की ओर कूच गए।पार्टी सांसद शशि थरूर ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का जाना बेहद दुखद है।
Read also-Politics: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम बोले- मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय होगा
पूर्व सांसद पी. एल. पूनिया ने डॉ. मनमोहन सिंह को ऐसे राजनेता के रूप में याद किया, जिन्होंने 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधार के जरिये देश को प्रगति की राह दिखाई।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डॉ. मनमोहन सिंह को मजबूत विश्वास वाले शख्स के रूप में याद किया।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश भगेल ने पहले वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह के कुछ ऐतिहासिक पहल याद किए।
Read also-Sports: मेलबर्न में बना विराट कोहली का मजाक, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दिया जोकर का टैग
कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में केंद्रीय मंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक अपने कार्यकाल को याद किया। उस समय यूपीए केंद्र में सत्ता में थी।दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने अमेरिका से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में गुरुवार को दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
रूस, चीन और अमेरिका समेत कई देशों के राजदूतों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शुक्रवार को शोक जताया और उन्हें एक ‘उत्कृष्ट नेता’ बताया। राजदूतों ने भारत की प्रगति के प्रति मनमोहन सिंह की प्रतिबद्धता की सराहना की।
भारत में फ्रांसीसी दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व ने ‘भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया और फ्रांस के साथ संबंधों को मजबूत किया’।भारत में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार सिंह का गुरुवार रात को यहां निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता के लिए विश्व स्तर पर सम्मानित सिंह के निधन पर कई देशों के राजदूतों ने दुख जताया।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ये भारत और रूस के लिए बहुत दुख और शोक का क्षण है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय था। उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक था क्योंकि एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था।”