(आरिफ राजू): प्रयागराज में शुक्रवार को हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक बदमाश अरबाज़ को धूमनगंज थाने को पुलिस और एस ओ जी टीम ने नहरू पार्क के जंगलों में मुठभेड़ के बाद मार गिराया है। आप को बता दें की सोमवार की दोपहर अरबाज के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई है। जिसमे अरबाज़ को पुलिस की कई गोलियां लगी थे जिससे वो घायल हो गया। पुलिस ने घायल अरबाज़ को अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया हालांकि इस मुठभेड़ में अरबाज की जवाबी फायरिंग में धूमनगंज थाने के प्रभारी राकेश मौर्य को भी गोली लगी है, जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रयागराज में शुक्रवार को शाम राजू पाल हत्या कांड के गवाह उमेश पाल पर उसी के घर के बाहर हुए जानलेवा हमले में शामिल अरबाज का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में आया था। पता चला था कि पुरामुफ्ती के सल्लाहपुर निवासी अरबाज नाम का शातिर अपराधी कार चला रहा था। प्रयागराज पुलिस आयुक्त रमित शर्मा का कहना है की घटना के बाद हमलावरों की तलाश में पुलिस लगी थी। हमलावार को क्राइम ब्रांच को पता चला कि वह नीवां क्षेत्र में छिपा है। नेहरू पार्क पर क्राइम ब्रांच की उससे मुठभेड़ हो गई। उसने पुलिस पर गोली चलाई, जिसमें थाने के प्रभारी भी जख्मी हो गए है। पुलिस ने भी आरोपी हमलावर अरबाज पर भी गोलीयां चलाई, गोली उसके सीने और पैर में गोली लगी है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस वारदात में साजिश रचने वाले गाजीपुर के रहने वाले सदाकत खान को इलाहाबाद सेट्रल यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हाॅस्टल से हिरासत में ले कर पूछताछ किया गया तो उसने कई खुलासे किया। वहीं हाॅस्टल के कमरे से साजिश रचने के कई अहम सुराग भी मिले है। पुलिस ने सदाकत खान को गिरफ्तार कर लिया, सदाकत एल एल बी छात्र है। पुलिस आयुक्त ने ये भी साफ किया को सदाकत मौके का फायदा उठा कर भागने की कोशिश कर रहा था और डिवाइडर से टकरा कर गिरने से उसे चोट आई है। हालांकि आयुक्त ने इस घटना में शामिल फरार बदमाशों पर जल्द ही इनाम घोषित करने की बात भी कही है।
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वहीं इस पुलिस मूड़भेड में मारे गए बदशाम के बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर इंसाफ का भरोसा जताते हुए कहा है पूरा यकीन है हम सब को इंसाफ मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी पर अपना भरोसा जताया है। हालांकि इस दोहरे हत्याकांड के नामजद हत्यारे अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने एस टी एफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस को दस टीमों को बना कर हत्यारों की गिरफ्तारी के प्रदेश कई जिलों में भेज दिया।