Artificial Intelligence: जैसे जैसे समय बढ़ता गया वैसे-वैसे इंसान की जरूरतों में भी बदलाव होने लगा है। कहते हैं जरूरत आविष्कार की जननी है, इसलिए नए-नए अविष्कारों को बढ़ावा मिलने लगा है। जिनमें से कुछ आविष्कार क्रांतिकारी हैं। टेक्नोलॉजी की शुरुआत भी लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए की गई थी लेकिन समय के साथ इसके भी रूप में बदलाव हुए हैं। कुछ बदलाव इतने ज्यादा गंभीर हो गए, जो देखने में तो तरक्की जैसे लगते हैं लेकिन असल में लोगों को सड़क पर लेकर आने का काम कर रहें हैं। ऐसे कौन से अविष्कार हैं आइए जानते हैं।
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बता दें, टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में एक है ARTIFICIAL INTELLIGENCE (AI)। ये हमारे लिए कितनी ज्यादा मुसीबत खड़ी कर सकता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि AI के गॉड़ फॉदर जेफ्री हिंटन ने इसे मानवीय समाज के लिए खतरा बताया है। जितना अधिक हम तकनीक के करीब जाते रहते हैं हम उतना ही अपने परिवार से दूर हो जाते हैं। जब हम अधिक समय अपने डिवाइस पर व्यतीत करते हैं तो जो उसमें देखते हैं, हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी वैसा ही हो जाता है। जो डिप्रेशन का कारण भी बनता जा रहा है।
कैसे काम करता है AI?- AI असल में पहले डेटा को फोटो, वीडियो या टेक्स्ट आदि के माध्यम से इकट्ठा करता है फिर इसे कंप्यूटर की बाइनरी भाषा में डिकोड किया जाता है। जिसके बाद पहले से ही उपस्थित डेटा को इकट्ठा करके या अपने प्रोग्रामिंग के द्वारा नए डेटा को निकालकर हमारे सामने रखता है। जब डेटा को निकालकर हमारे सामने रखा जाता है तो उसमें कुछ जानकारी सहीं होती है। कुछ में महज संभावना जताई जाती है। जिसकी वजह से कई बार हमारी जानकारी गलत भी हो जाती है। इस वजह से हम बिना आंकलन किए इसके डेटा पर भरोसा नहीं कर सकते।
कैसे संकट पैदा कर रहा AI?- AI का प्रयोग आजकल छोटे-छोटे कामों से लेकर बड़े-बड़े व्यापारों में किया जा रहा है। लेकिन ये बढ़ता उपयोग और इन पर अधिक निर्भरता मनुष्य के लिए खतरा पैदा कर रही है। घर की निगरानी करनी हो या किसी बड़े इवेंट की देखरेख, हर किसी की पहली पसंद होती है AI। लेकिन ये AI का उपयोग कई बार हमारी आंखो में धूल तक झोंक देते हैं। जिसके बाद हमें इसका भारी नुकसान चुकाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं AI किस तरह से मानवीय समाज के लिए संकट पैदा कर रहा है।
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अकेलापन दूर करने के लिए- आपको बता दें, AI आज हमारी जिंदगी में इस तरह जरूरी हो गया है, जैसे हमारे हाथ में डिवाइसीस। अगर हम कोई भी ऐप खोले तो हमें वहां AI का फंक्शन जरूर मिल जाता है। हम अपनी बोरियत और मजाक के लिए इन AI फीचर का प्रयोग करने लगते हैं। अगर हम इसका उपयोग अपने काम के लिए करते है तो ठीक है, परंतु अगर हम इसे अपना अकेलापन दूर करने के लिए अपनी निजी जिंदगी के किस्से साझा करते हैं तो AI उसका दुरुपयोग भी कर सकता है।
बढ़ती बेरोजगारी का कारण- AI से ना सिर्फ हमारी निजी जानकारी को लीक होना का खतरा बना रहता है, परंतु AI धीरे-धीरे बेरोजगारी का कारण भी बनता जा रहा है। पहले जहां किसी काम को करने के लिए 7 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती थी। अब वहीं, वह काम अकेले रोबोट या अन्य एआई टेक्निक कुछ मिनटों में कर सकती है। अब यह हमारा समय तो बचाती है और काम आसानी से भी हो जाता है लेकिन लाखों लोगों की काबिलियत को कुछ पलों में खत्म भी कर देती है।
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साइबर स्कैम को देता बढ़ावा- आजकल ना जाने हम कितने ऐसे स्कैम के बारे में सुनते हैं कि जिसके बाद हमें लगता है कि हमारा इस टेक्नोलॉजी से विश्वास उठता जा रहा है। ना जाने इस AI के जरिए कितने नए-नए स्कैम किए जा रहें हैं। जिसमें मुख्य है किसी परिचित की फोटो और आवाज का प्रयोग कर लोगों से काफी अधिक मात्रा में पैसे ऐंठे जा रहे हैं। जैसे जैसे AI के नुकसानों के बारे में सुनते हैं तो हमें यह तकनीक वरदान के साथ श्राप जैसी भी लगती है।