Baba Ramdev: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से भ्रामक विज्ञापन मामले में राहत मिली है। दोनों की माफी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव ने माफी मांगी थी और भविष्य में भ्रामक विज्ञापनों से दूर रहने का वादा किया था।
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बता दें कि 2022 में IMA ने यह शिकायत की। इसमें बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि पर आरोप लगाया गया था कि वह आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था और कोविड वैक्सीन उत्पादन को बदनाम करती है। पतंजलि के एडवोकेट गौतम तालुकदार ने कहा कि कोर्ट ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए वचनों के आधार पर मामले को खारिज कर दिया है। 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस को सुरक्षित रख लिया था।
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इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान आरवी अशोकन, आईएमए के अध्यक्ष, से पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट को दिए गए इंटरव्यू में उनके बयानों पर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी गई थी? दरअसल, अशोकन ने एक इंटरव्यू में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन मामले पर प्रश्नों का जवाब दिया। इसमें उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने निजी डॉक्टरों की तरह एसोसिएशन की भी आलोचना की। कोर्ट ने निर्णय दिया कि माफीनामा अशोकन व्यक्तिगत रूप से अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए, न कि IMA के धन से।
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