नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने लंबे अंतराल के बाद बुधवार को अचानक रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। अब रेपो रेट एक झटके में 0.40 फीसदी बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही सस्ते लोन का दौर अब समाप्त हो गया है। रिजर्व बैंक के इस ऐलान से अब होम-ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे। गौरतलब है कि रेपो दरों में इस इजाफे से लोन लेने वाले ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, दरें बढ़ने के बाद अब होम, ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे और ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा।
आरबीआई ने अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। देश में खुदरा महंगाई मार्च में 17 महीने का उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। फूड और मैन्युफैक्चर्ड गुड्स की कीमतों में तेजी से महंगाई ज्यादा बढ़ी है। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी और 7 फीसदी पर पहुंच गई, खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा जिओपॉलिटिकल टेंशन ने भी महंगाई को बढ़ाया है। रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग के कारण भी गेहूं समेत कई अनाजों के दाम बढ़ गए हैं। इस तनाव से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी बुरा असर पड़ा है।
मार्च 2022 में हेडलाइन CPI मुद्रास्फीति में 7% की तेजी खाद्य मुद्रास्फीति से प्रेरित थी, इसके अलावा मार्च के महीने में 12 में से 9 खाद्य उपसमूहों में मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की। गवर्नर ने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक विकास गति खोता दिख रहा है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अब तक के सभी ‘तूफानों’ से निपटने में कामयाब रही।
आपको बता दें कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई ने इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा था। भारत में आखिरी बार मई 2020 में रेपो रेट पर कैंची चली थी, जो कोरोना की पहली लहर और लॉकडाउन का दौर था।
क्या होता है रेपो रेट
जिस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे। रेपो रेट कम हाेने से होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह सभी सस्ते हो जाते हैं।
क्या होता है रिवर्स रेपो रेट
जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आता है। बहुत ज्यादा नकदी होने पर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है।
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