धार्मिक स्थलों पर लगे QR कोड के जरिए हो रहा बड़ा खेला, मामले की जांच में जुटी ATS

धार्मिक स्थलों पर लगाए जाने वाले क्यूआर(QR) कोड इस समय महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस(ATS) की जांच के घेरे में हैं। नागपुर समेत विभिन्न धार्मिक स्थलों पर मिले संदिग्ध QR कोड की जांच जारी है। पुलिस को संदेह है कि इन QR कोड के जरिए अवैध फंडिंग की जा रही है। पुलिस इस बात से भी इनकार नहीं कर रही है कि इस फंड का इस्तेमाल आतंकी नेटवर्क को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में नागपुर की कमर कॉलोनी स्थित एक मंदिर पर लगाए गए QR कोड के मामले में मोहम्मद एजाज अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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आपको बता दें, अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जहां धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग कर धन एकत्र किया गया है। फिलहाल ATS इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड और संभावित अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की तलाश में जुटी है। जांच अभी शुरुआती दौर में है, मगर ATS का दावा है कि इस मामले में जल्द ही अहम खुलासे हो सकते हैं। इस जांच के दौरान कई अन्य संदिग्ध व्यक्तियों और संगठनों पर भी नजर रखी जा रही है।

हाल ही में पुलिस ने एक नए तरह के घोटाले का पता लगाया है, जिसमें आतंकवादी मंदिरों में QR कोड के माध्यम से दान मांग रहे हैं। इस घोटाले में आतंकवादी मंदिरों के दान पेटी में QR कोड वाले स्टिकर चिपका देते हैं, जिससे भक्त दान देने के लिए उस कोड को स्कैन करते हैं और अनजाने में आतंकवादियों के खाते में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं।

ATS ने लोगों से की ये अपील

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे मंदिरों में दान देते समय सावधानी बरतें और QR कोड की जांच करें। इसके अलावा, पुलिस ने मंदिर प्रशासन से भी आग्रह किया है कि वे अपने दान पेटी में QR कोड वाले स्टिकर की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित हैं। ATS का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल वित्तीय अपराध हैं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी प्रभावित कर सकती हैं।

सावधानी बरतने के उपाय

दान से पहले QR कोड की जांच करें: दान देने से पहले QR कोड की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वह मंदिर के आधिकारिक खाते से जुड़ा हुआ है।
आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें: मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप के माध्यम से दान देना अधिक सुरक्षित हो सकता है।
संदेह होने पर मंदिर प्रशासन या पुलिस से संपर्क करें: यदि आपको कोई संदेह है, तो मंदिर प्रशासन या पुलिस से संपर्क करें और उनसे QR कोड की वैधता की जांच करें।

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