(हर्षित मिश्रा ): राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया है। दिल्ली सरकार के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में लापरवाही की हद पार कर दी गई है। दरअसल एक 14 साल के बच्चे को बुखार के चलते बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बता दें 14 साल का पंकज अपने परिवार के साथ दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में रहता था। पंकज के पिता गोविंद का कहना है कि उनके बेटे को पिछले एक हफ्ते से बुखार हो रहा था जोकि दवाई खिलाने पर सही भी हो जाता था। लेकिन पंकज को कुछ भी खिलाया जाए तो वॉमिटिंग कर देता था। हल्का बुखार भी बना हुआ था। बस इसी चीज का इलाज कराने के लिए गोविंद अपने बेटे पंकज को जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में लेकर आए।
जहां आते ही डॉक्टरों ने गोविंद को एक इंजेक्शन लगाया। गोविंद की तबीयत ज्यादा खराब नहीं थी। पंकज के पिता गोविंद ने बताया कि डॉक्टर ने जो इंजेक्शन लगाया उसके तुरंत बाद गोविंद सो गया लेकिन किसी को यह अंदाजा भी नहीं था की वह इतनी गहरी नींद सोया जिससे वापस ही नहीं लौटा और उसकी नींद मौत में बदल गई। इंजेक्शन लगाने के कुछ ही देर बाद जब गोविंद बहुत ही गहरी नींद में सो रहा था तभी डॉक्टरों कभी ऑक्सीजन तो कभी मशीन से जांच शुरू करने लगे।और चंद मिनटों बाद ही परिवार को कह दिया कि गोविंद की मौत हो चुकी है। डॉक्टर में परिजनों से कहा उसे घर ले जाइए यह सुनते ही पूरे परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई कि जो बेटा खुद हॉस्पिटल चल कर के आया परिवार से बातचीत कर रहा था एक इंजेक्शन ने उसकी जान ले ली।
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परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगे है। उन्होंने कहा है जो डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया उसी की वजह से पंकज की मौत हुई और परिवार को यह जानकारी तक नहीं है कि इंजेक्शन कौन सा था किस वजह से लगाया गया। फिलहाल परिवार ने इस बात की शिकायत जहांगीरपुरी थाना पुलिस को दी है। जिसके बाद से पुलिस पूरे मामले की जांच और अस्पताल में डॉक्टरों से पूछताछ कर रही है।