जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार आज को लेंगे बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ, उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर

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 Bihar CM Sapath Grahan : जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं। आज रिकॉर्ड दसवीं बार वो बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेने जा रहे हैं।नीतीश कुमार का जन्म एक मार्च 1951 को बिहार में मौजूदा नालंदा जिले के छोटे से गांव कल्याण बिगहा के साधारण परिवार में हुआ। उनके बचपन का नाम मुन्ना था।उनके पिता कविराज राम लखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के करीबी माने जाते थे

।दो दशक से बिहार की राजनीति में चोटी पर रहे नीतीश कुमार समाजवादी ब्रिगेड से हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेज और आज के एनआईटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए।

उन्होंने राजनीति का ककहरा राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, कर्पूरी ठाकुर और वी. पी. सिंह जैसे धुरंधरों से सीखा।1974 से 1977 तक लोकनायक जयप्रकाश की अगुवाई में संपूर्ण क्रांति में नीतीश ने बढ़चढ कर हिस्सा लिया।

1985 में वो पहली बार चुनाव जीत कर बिहार विधान सभा और 1989 में पहली बार संसद पहुंचे। उसके बाद लगातार दसवीं, ग्यारवीं, बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोक सभा चुनाव में जीत हासिल की। अप्रैल 1990 में पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए और कृषि राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। Bihar CM Sapath Grahan

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मार्च 1998 में एनडीए सरकार में रेल और भूतल परिवहन मंत्री बने, लेकिन अगस्त 1999 में गैसल रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।तीन मार्च 2000 को नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत नहीं होने की वजह से सिर्फ सात दिन में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। फिर उसी साल वो केंद्र की एनडीए सरकार में कृषि मंत्री बने। मार्च 2001 में उन्हें रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया और 2004 तक वो रेल मंत्री रहे। Bihar CM Sapath Grahan

नीतीश कुमार को सियासी समीकरण बिठाने में महारत हासिल है। यही वजह रही कि कॉलेज के दिनों में आंदोलन के साथी रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से नाराज होकर उन्होंने 1994 में उनका साथ छोड़ दिया।जॉर्ज फर्नांडीज के साथ नीतीश ने समता पार्टी बनाई। 2003 में उन्होंने शरद यादव के जनता दल के साथ समता पार्टी का विलय कर लिया और जनता दल यूनाइटेड का गठन किया।

वो बीजेपी से गठबंधन कर 2005 में बिहार की सत्ता पाने में कामयाब रहे। 2010 के विधान सभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद वो फिर मुख्यमंत्री बने। इस दौरान नीतीश कुमार ने राज्य में विकास के कई काम किए। पुलिस और प्रशासन में सुधार किया और राज्य में कानून-व्यवस्था मजबूत की। Bihar CM Sapath Grahan

नीतीश ने 2005 से 2010 के अपने पहले पूर्ण कार्यकाल के दौरान स्कूल में पढ़ने वाली गरीब छात्राओं के लिए साइकिल बांटने की योजना शुरू की। इसे गरीब तबके को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा गया।पहले दौर के काम-काज को लेकर नीतीश कुमार को सुशासन बाबू का नाम मिला, लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को बीजेपी का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया। 2014 के संसदीय चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। Bihar CM Sapath Grahan

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नीतीश ने जीतन राम मांझी को बिहार की बागडोर सौंपी, लेकिन नौ महीने बाद नाटकीय घटनाक्रम में नीतीश ने फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली।बदले राजनीतिक हालात ने उन्हें एक बार फिर लालू यादव के करीब पहुंचा दिया। अब की राजनीति में अलग राह पकड़ चुके नीतीश आरजेडी के साथ गठबंधन कर 2015 के चुनाव में उतरे। गठबंधन ने जीत हासिल की और नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनी।नीतीश कुमार ने 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून लागू कर महिला वोटर्स का दिल जीतने की कोशिश की। 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को इसका फायदा भी मिला।

2017 आते-आते आरजेडी और नीतीश कुमार के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और नीतीश ने महागठबंधन से किनारा कर लिया, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे। इस बार साथ मिला बीजेपी का।2020 में जेडीयू ने एनडीए के घटक दल के रूप में चुनाव लड़ा। जीत हासिल कर नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता के सिंहासन पर बैठे।लेकिन अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने फिर पलटी मारी और आरजेडी का दामन थाम लिया। हालांकि नीतीश और तेजस्वी का साथ लंबा नहीं चला। जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने बाजी पलटते हुए एक बार फिर एनडीए के साथ सरकार बना ली।

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