Brain Stroke: सावधान! कहीं ब्रेन स्ट्रोक से ना गंवानी पड़े जान, समय रहते पहचाने लक्षण

Brain Stroke

Brain Stroke: दिन भर में हम ना जाने कितने ऐसे काम करते हैं, जिसके कारण हमारा शैड्यूल काफी व्यस्त रहता है। हम अपने स्वास्थ्य के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। हम पूरा दिन अपनी मस्तिष्क में किसी ना किसी चीज को लेकर चिंता करते रहते हैं, लेकिन अपने मस्तिष्क की ही चिंता करना भूल जाते हैं। जिसके कारण हम कई बार ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी के भी शिकार हो जाते हैं।

क्या हैं ब्रेन स्ट्रोक ?

कई बार ब्रेन के किसी हिस्से में ब्लड का सर्कुलेशन रुक जाने की वजह से या कोई नस फट जाने के कारण ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) जैसी समस्या होती है। यह एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। जब ब्रेन सेल्स को ब्लड से कई बार पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन या न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता, तो वह सेल्स मरने लगती है। वो खुद से कोई भी कार्य करने में सक्षम नहीं होती। ब्रेन स्ट्रोक से अधिक घातक होता है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक। आइए जानते हैं कि क्यों होता है अधिक घातक ?

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क्या है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक ?

वैसे तो ये भी एक प्रकार का ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) ही होता है, लेकिन इसे साइलेंट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह बिना किसी आहट के आता है, यानी की इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते। यह दिमाग की नसों में क्लोटिंग होने के कारण या ब्लीडिंग होने के कारण होता है।

बता दें, इसका पता अक्सर ब्रेन स्कैन के समय पर चलता है, क्योंकि यह ब्रेन के उस छोटे से हिस्से के प्रभावित होने से होता है जिसका कोई खास फंक्शन ना हो। इसे साइलेंट सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट ( Silent Cerebrovascular Accident) के नाम से भी जाना जाता है।

इस बीमारी में जितनी जल्दी इंसान की मदद की जाए, उसके ठीक होने की उम्मीद उतनी अधिक होती है। बीमार व्यक्ति की मदद करने के लिए लक्षणों की पहचान करना जरूरी है और साथ ही यह भी पता हो कि मदद कैसी की जा सकती है। आइए जानते हैं-

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण-

ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के लक्षणों को अगर समझना है, तो इसके लिए FAST शब्द को याद रखें-

F यानी FACE (चेहरा)- व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा लटक जाना है।

A यानी ARMS (बाहें)- व्यक्ति का हाथ ना उठ पाना। S यानी SPEECH (बोलचाल)- व्यक्ति को बोलने में परेशानी होना। T यानी TIME (समय)- अगर कोई भी लक्षण देखने को मिलें, तो बिना समय गवाएं इमरजेंसी नंबर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ-साथ कुछ अन्य लक्षण जैसे अचानक से पैरों का सूजना या कमजोरी महसूस होना, देखने में और चलने में परेशानी होनी, चक्कर आना या बेवजह सिर का दर्द बने रहना।

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बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम-

ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke)  से बचना जरूरी है। कुछ खास चीजों का ध्यान रख कर आप अपना जीवन बचा सकते हैं। जैसे-

एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बनाएं- हमारे शरीर की कई सारी बीमारियां एक्सरसाइज करने से भी खत्म हो जाती है। हम अपने शरीर को बहुत सी गंभीर बीमारियों से मुक्त कर सकते हैं, जब हम एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन डॉक्टर के परामर्श के बिना आप खुद से ही कोई भी एक्सरसाइज शुरू ना करें।

धूम्रपान और नशे से दूर रहें- धुम्रपान हमारे शरीर में कई सारी बीमारियों को न्यौता देते हैं, साथ ही शराब पीने से भी हमारे शरीर में कई सारी बीमारियों का आवगमन होता है। इसलिए धुम्रपान और शराब को छोड़ना ब्रेन स्ट्रोक के साथ कई सारी बीमारियों को दूर भगा सकता है।

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मदद करने के लिए उठाए ये कदम-

व्यक्ति को शांत रखें-  जिस व्यक्ति को ये समस्या है उसे बैठने या लेटने के लिए कहें। एक शांतिपूर्ण माहौल तैयार करें। डॉक्टर के परामर्श के बिना उन्हें खाने पीने या किसी तरह की दवाई ना दें।

इमरजेंसी सेवाओं से संपर्क करें- अपने आस-पास के इमरजेंसी नंबरों को कॉल करें और व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार कराएं। जान बचाने के लिए मेडिकल कर्मी रास्ते में भी उपचार शुरू कर सकते हैं।

जरूरी जानकारी नोट करें- जिस व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है, उसकी जरूरी जानकारी पहले ही नोट कर लें। जैसे किस प्रकार के लक्षण देखने को मिलें। समय नोट कर लें कि कब और कितने समय तक के लिए लक्षण बनें रहें।

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