केंद्रीय चुनाव आयोग ने किया त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान

(प्रदीप कुमार): केंद्रीय चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इन तीन पूर्वोत्तर राज्यो में चुनावी शेड्यूल की घोषणा की है। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के विधानसभा चुनावों का एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि त्रिपुरा में 16 फरवरी और मेघालय-नागालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा। तीनों ही राज्यों में चुनाव के नतीजों की घोषणा दो मार्च को होगी। तीनों ही राज्यों में 60-60 सदस्यीय विधानसभा सीटे है।

चुनाव की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, ”तीनों चुनावी राज्यों की खास बात यह है कि यहां पर वोट डालने वाली महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहती है। पिछले विधानसभा चुनाव में वोट डालने वाली महिलाओं की संख्या नागालैंड में 86%, मेघालय में 87% और त्रिपुरा में 91% रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ”तीनों राज्यों में कुल 62.8 लाख मतदाता होंगे। नगालैंड में 13.09 लाख, मेघालय में 21.61 लाख और त्रिपुरा में 28.13 लाख मतदाता होंगे। तीनों राज्यों में कुल 31.47 लाख महिला मतदाता होंगी। इनमें त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 13.98 लाख महिला वोटर होंगी। तीनों राज्यों में कुल 1.76 लाख मतदाता ऐसे होंगे, जो पहली बार वोट डालेंगे। मेघालय में सबसे ज्यादा 81,443 मतदाता 18-19 साल के होंगे, जो पहली बार मतदान करेंगे।

त्रिपुरा में इस वक्त भाजपा की सरकार है। वहीं, नागालैंड में एनडीपीपी के नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। मेघालय में एनपीपी के कोनराड संगमा की सरकार है। दोनों राज्यों में भाजपा सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है। नागालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च, मेघालय विधानसभा का 15 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है।

त्रिपुरा में पिछले पांच दशक के राजनीतिक इतिहास में यहां कांग्रेस और सीपीएम हमेशा से एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे। कभी कांग्रेस तो कभी सीपीएम की सत्ता यहां रही। 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां दोनों ही पार्टियों को बड़ा झटका दिया। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता हासिल कर ली। बिप्लब कुमार देब मुख्यमंत्री बने लेकिन बीजेपी ने बाद में बिप्लब देब की जगह माणिक साह को मुख्यमंत्री बना दिया। अब साह पर भाजपा को सत्ता में वापसी कराने की जिम्मेदारी होगी। वहीं चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस और CPM साथ आ गए हैं।

इधर मेघालय में 2018 में राज्य में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी थी। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। हालांकि, बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी। चुनाव में अलग-अलग लडे़ एनपीपी-भाजपा ने गठबंधन किया। एनपीपी के कोनराड संगमा मुख्यमंत्री बने।

वही नागालैंड में 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) दो टुकड़ों में बंट गई थी। बागियों ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) बनाई। पार्टी के बड़े नेता और राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो बागी गुट के साथ चले गए। चुनाव से पहले NPF ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। भाजपा और NDPP ने मिलकर चुनाव लड़ा। NDPP को 17 तो भाजपा को 12 सीटों पर जीत मिली। गठबंधन सत्ता में आया और नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने।

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चुनाव आयोग ने त्रिपुरा मेघालय और नगालैंड में चुनाव की घोषणा के साथ ही छह राज्यों की सात विधानसभा और लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया और तारीखों की भी घोषणा की है।जिन सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई है उनमें अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की एक-एक विधानसभा सीट के साथ ही महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटें शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की एक लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव की घोषणा की गई है।

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