(अजय पाल)-भारत के चंद्रयान 3 ने दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर वहां की सतह के संरचना की जानकारी देना शुरु कर दिया है। साउथ पोल पर विक्रम लैंडर व रोवर प्रज्ञान पर लगे उपकरण सही ढंग से कामं रहे है वहां की मिट्टी और तापमान की जानकारियां इसरो को भेजी जा रही हैं।विक्रम के पेलेड ने शुरुआती डेटा भी भेज दिया है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इसरो ने यह जानकारी ट्विटर पर शेयर की।
बदल रहा चांद की सतह पर तापमान? –हाल में ISRO ने जो ग्राफ शेयर किया है, उसके मुताबिक चंद्रमा की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है. गहराई में जाने पर तापमान तेजी से गिरता है. 80 मिलीमीटर भीतर जाने पर तापमान -10 डिग्री तक गिर जाता है. ऐसा लगता है कि चंद्रमा की सतह हीट को रिटेन नहीं कर पाती है।
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तस्वीरों में डार्कनेस – इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि रोवर चंद्रमा की सतह से जो तस्वीरें ले रहा था, उन्हें इसरो स्टेशनों तक पहुंचने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों के ग्राउंड स्टेशनों का समर्थन मांगा जा रहा है.उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि चंद्रमा की सतह पर वायुमंडल नहीं है, इसलिए सभी फोटो अंधेरी हैं और इससे स्पष्ट तस्वीरें प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है।
इसरो ने चांद की सतह पर तापमान का ग्राफ जारी करते हुए कहा कि ग्राफ विभिन्न गहराई पर चांद की सतह/निकट-सतह के तापमान भिन्नताओं को दर्शाता है, जैसा कि जांच के दौरान दर्ज किया गया है. यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए यह इस तरह का पहला प्रोफाइल है. इसका विस्तृत अवलोकन चल रहा है. भारत ऐसा करने वाला पहला देश है. विक्रम लैंडर पर लगे ChaSTE के जरिए जो जानकारी इसरो तक पहुंची है उसे शेयर किया गया है ।
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