Chhattisgarh: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ रहीं राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को कथित शराब घोटाला मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि चौरसिया को मंगलवार देर शाम गिरफ्तार किया गया और उन्हें बुधवार को एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। Chhattisgarh:
Read also- Uttarakhand Accident News : ऋषिकेश में सड़क हादसे में चार युवकों की मौत
चौरसिया कथित कोयला लेवी घोटाले में भी आरोपी हैं। उन्हें इस साल मई में उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। उन्हें 2022 में कोयला लेवी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था।शराब घोटाला मामले में निदेशालय ने इस साल 15 जनवरी को कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को और 18 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था।Chhattisgarh:
Read also- ऑस्कर की अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी में छांटी गई फिल्मों में ‘होमबाउंड’ शामिल
ईडी ने आरोप लगाया है कि 71 वर्षीय लखमा अपराध की कमाई के मुख्य प्राप्तकर्ता थे और आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल शराब घोटाले के सिंडिकेट के मुखिया थे और उन्होंने इस घोटाले से उत्पन्न लगभग एक हजार करोड़ रुपये का व्यक्तिगत रूप से प्रबंधन किया था।Chhattisgarh:
ईडी के अनुसार, यह कथित घोटाला भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के सदस्यों को अवैध लाभ हुआ।चौरसिया ने भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर काम किया था।Chhattisgarh:
