मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज राजधानी हैदराबाद में बने तेलंगाना के नए सचिवालय का  किया उद्घाटन

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने आज हैदराबाद में डॉ. बीआर अंबेडकर के नाम पर बने नए सचिवालय का उद्घाटन किया।नए तेलंगाना सचिवालय का उद्घाटन सुदर्शन यज्ञ के साथ हुआ।इसके लिए सचिवालय परिसर में यज्ञशाला तैयार की गई। श्रृंगेरी पीठ के वैदिकों के मार्गदर्शन में सुबह से ही यज्ञ शुरू हो गया।
उद्धाटन के बाद सीएम केसीआर अन्य मंत्री अपने आवंटित कक्षों में बैठें।सीएम केसीआर ने नए सचिवालय में फाइलों पर हस्ताक्षर के साथ कामकाज शुरू कर दिया, इसके बाद सीएम केसीआर ने राज्य की जनता को संबोधित किया।मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि सचिवालय को शुरू करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है, जो तेलंगाना प्रशासन का दिल है।सीएम केसीआर ने कहा कि तेलंगाना राज्य का गठन बड़े संघर्ष के बाद हुआ है।सीएम ने कहा कि आज तेलंगाना ने जो प्रगति की है, वह राज्य के सभी विभागों के प्रयासों से है।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के दौरान कई तेलंगाना विरोधी ताकतों ने संकट खड़ा किया तेलंगाना के गठन के बाद कई बहसें हुईं। मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि कुछ राजनीतिक “लिलिपुट्स” यानि दुश्मनों ने पुराने भवन को उसी स्थान पर गिराकर नए सचिवालय के निर्माण में बाधा उत्पन्न की।  सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़कर राज्य सचिवालय का निर्माण किया जो देश की कुछ अद्भुत सरकारी संरचनाओं में से एक है।
मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्य की विकास योजनाओं को जलाते हुए कहा कि नई औद्योगिक नीति तेलंगाना राज्य में भारी निवेश को आकर्षित कर रही है और हैदराबाद आईटी क्षेत्र में बेंगलुरु से आगे निकल रहा है।तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय भारत के सभी राज्यों में सबसे अधिक है।  प्रति व्यक्ति बिजली की खपत भी अधिक है जो विकास संकेतक और अच्छे आर्थिक विकास हैं।
मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्य सचिवालय का नाम बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने पर कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर वह महापुरुष थे, जिन्होंने समान अधिकार के लिए आंदोलन करने, एकजुट होने, पढ़ाने और संघर्ष करने का संदेश दिया और उनके संदेश से ही हमने गांधी जी के बताए मार्ग पर शांतिपूर्वक संघर्ष करते हुए तेलंगाना राज्य हासिल किया।इस दौरान मुख्य्मंत्री केसीआर ने कहा कि हमे हर वर्ग के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने की प्रेरणा अंबेडकर से मिली है इसीलिए 125 फीट की ऊंचाई पर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई है।

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