कांग्रेस ने देश में महिलाओं और बच्चियों के विरुद्ध बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में “डबल इंजन” सरकारें बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने एनसीआरबी आंकड़ों और हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा सरकारें बेटियों के साथ नहीं खड़ी हैं, बल्कि अपराधियों को बचाने में जुटी हैं।
अलका लांबा ने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर में नौ साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ और इलाज में देरी के कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के कारण बच्ची को पटना में शिफ्ट करने में देरी हुई, जिसके चलते उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने बिहार में दुष्कर्म के कई मामलों का हवाला देते हुए कहा कि जदयू-भाजपा शासन ऐसी घटनाओं में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसके द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
अलका लांबा ने भारत में, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। एनसीआरबी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2022 में देश में दुष्कर्म के जिन 18 हजार मामलों में ट्रायल पूरा हुआ, उनमें केवल पांच हजार में ही दोषियों को सजा मिली, जबकि 12 हजार आरोपी बरी हो गए। इसी तरह उन्होंने अन्य वर्षों के चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राज्य महिला आयोगों को भाजपा की कठपुतलियां बताते हुए वन स्टॉप सेंटर्स को लेकर किए गए दावे झूठे साबित होने का भी उल्लेख किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे ‘मन की बात’ में महिलाओं पर हो रही दरिंदगी पर कब बोलेंगे।
अलका लांबा ने भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान से यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की।
वहीं गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कहा कि निचली अदालत ने मुख्य आरोपी और दो सह-आरोपियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जिसका कांग्रेस स्वागत करती है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह फैसला अधूरा है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण सबूत नष्ट कर दिए गए थे, वर्ना दोषियों को मौत की सजा भी मिल सकती थी। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में अंकिता मृत पाई गई थी। अपराध के दिन से ही इस रिजॉर्ट में सबूत और साक्ष्य नष्ट किए जाने लगे। उन्होंने अंकिता की व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए पूछा कि उसमें जिस वीआईपी का जिक्र किया गया था, उसका अब तक खुलासा क्यों नहीं किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि माता-पिता ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए आत्महत्या की धमकी दी थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
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गरिमा मेहरा ने उत्तराखंड में भाजपा नेताओं द्वारा महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के कई अन्य मामलों का भी उल्लेख किया और कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, हिमालयी राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में उत्तराखंड पहले स्थान पर है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा अब “भाजपाईयों से बेटी बचाओ” में बदल गया है।