Delhi Air Pollution, who to blame ?अभिषेक दत्त, नेता, कांग्रेस:साथियों 2013 में हमने दिल्ली में एक ड्राइव शुरू की थी, ‘पटाखों को ना कहें, दिल्ली को बचाएं’। 2013 के बाद हम 2023 में खड़े हैं, लेकिन अभी तक दोनों ही सरकारों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा प्रदूषण पर किसी तरह का समाधान नहीं बताया। मैं जानना चाहता हूं कि रामायण में भी कुंभकरण छह महीने बाद जाग जाते थे परंतु इसको तो 60 महीने हो गए हैं। दोनों सरकारों में जो कुंभकरण सो रहे हैं, जो वायु प्रदूषण के बारे में नहीं सोचते वो कब जागेंगे? प्रदूषण से जो हमारे घर में खासकर बड़े बुजुर्ग और छोटे बच्चे हैं उनका सबसे ज्यादा खतरा होता है। मैं उम्मीद करता हूं ये सोए हुए कुंभकरण जागेंगे और दिल्ली के वायु प्रदूषण पर कुछ काम करेंगे। सिर्फ टेंपरेरी लॉकडाउन लगाना, सड़कों पर कारों को बंद करना, निर्माण कार्यों को बंद करना, ये कोई स्थायी समाधान नहीं है। ये दिखाता है कि पूरे साल आप लोग काम नहीं करते और जब प्रदूषण बढ़ जाता है तो केवल आंख में धूल झोंकने का काम करते हो। मैं अनुरोध करना चाहता हूं मीडिया के अपने सभी साथियों और अपने सभी दोस्तों से आगे बढ़कर इस पर बात कीजिए, ये हमारी जिंदगी को प्रभावित करता है।
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की केजरीवाल सरकार ने एक दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा और कुछ नहीं किया है।अभिषेक दत्त ने कहा कि 2013 में कांग्रेस ने दिल्ली में ‘पटाखों को ना कहें, दिल्ली को बचाएं’ अभियान शुरू किया था। लेकिन 2013 से 2023 तक दोनों ही सरकारों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा प्रदूषण का समाधान नहीं निकाला है।उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार और केजरीवाल सरकार को कुंभकरण बताया और पूछा कि वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सो रही ये दोनों सरकारें कब जागेंगी।
अभिषेक दत्त ने कहा कि सिर्फ अस्थाई तौर पर लॉकडाउन लगाना, सड़कों पर कारों को बंद करना, निर्माण कार्यों को बंद करना, ये कोई स्थायी समाधान नहीं है।उन्होंने कहा कि दोनों ही सरकारों ने पूरे साल कुछ नहीं किया और जब प्रदूषण बढ़ा तो उन्होंने लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह धुंध की मोटी परत छाई रही और न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, रिलेटिव ह्यूमिडिटी 96 प्रतिशत दर्ज की गई।दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
(Souce PTI )
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