पवन खेड़ा कांग्रेस नेता:अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश भारत के अविभाज्य अंग रहे हैं।हर रिकॉर्ड में अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। प्रधानमंत्री की बॉडी लैंग्वेज जो हमने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के दौरान देखी उससे हमें दुख हुआ। वह प्रधानमंत्री हैं जब चीनी समकक्ष का सामना करने की बात आती है तो उन्हें विनम्र भाव नहीं रखना चाहिए। जब वह दक्षिण अफ्रीका से लौटते हैं तो चीन अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाने वाला मैप लेकर आता है। मुझे याद है एक या दो महीने पहले एक पॉडकास्ट में जयशंकर ने कहा था कि चीन एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, हम चीन से नहीं लड़ सकते। यह किस तरह का रवैया है? यह न भूलें कि जवाहरलाल नेहरू ने 1959 के चीनी दावे को खारिज कर दिया था जिसके परिणामस्वरूप 1962 में एक युद्ध हुआ।
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हम भले ही युद्ध हार गए हों लेकिन हमने युद्ध किया और हमने 1959 के चीनी दावे को खारिज कर दिया। क्या सरकार अब 1959 के चीनी दावे को बिना कोई लड़ाई किए नम्रतापूर्वक स्वीकार कर रही है? प्रधानमंत्री की इस नम्रता से हम स्तब्ध हैं। ये न सिर्फ 2020 में चीन को दी गई क्लीन चिट है बल्कि प्रधानमंत्री की बॉडी लैंग्वेज से भी विनम्रता झलकती है। प्रधानमंत्री चीन से इतना डरते क्यों हैं।
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सामना करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बॉडी लैंग्वेज विनम्र थी। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री चीन से इतना क्यों डरते हैं।अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश भारत के अविभाज्य अंग रहे हैं।हर रिकॉर्ड में अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। प्रधानमंत्री की बॉडी लैंग्वेज जो हमने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के दौरान देखी, उससे हमें दुख हुआ वे प्रधानमंत्री हैं।जब चीनी समकक्ष का सामना करने की बात आती है तो उन्हें विनम्र भाव नहीं रखना चाहिए जब वे दक्षिण अफ्रीका से लौटते हैं तो चीन अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाने वाला मैप लेकर आता है।चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपना नया नक्शा जारी किया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर विवादित क्षेत्र को अपने हिस्से में दिखाया।