Congress CWC Meeting: कांग्रेस ने मंगलवार को बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंसा और सांप्रदायिकता देश को नफरत की खाई में धकेल रही है। पार्टी ने इसके साथ ही उसने जोर देकर कहा कि वो धार्मिक ध्रुवीकरण के उन्माद से लड़कर सरदार वल्लभभाई पटेल की दृढ़ता का अनुकरण करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
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कांग्रेस कार्यसमिति में पारित प्रस्ताव में पार्टी ने कहा कि दिखावटी टकराव और शरारती ढंग से घोषित विभाजन की विचारधारा ने सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू के बीच संघर्ष के बारे में जानबूझकर झूठ का जाल फैलाया है।प्रस्ताव में कहा गया है, “वास्तव में, ये हमारे स्वतंत्रता संग्राम के मूल चरित्र और गांधी-नेहरू-पटेल के अविभाज्य नेतृत्व पर हमला था।”
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कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव में कहा गया है, “छल और कपट का ये जाल टिक नहीं सका क्योंकि सरदार पटेल ने खुद तीन अगस्त, 1947 को पंडित नेहरू को पत्र लिखकर साफ कहा था, ‘एक-दूसरे के प्रति हमारा लगाव और स्नेह तथा लगभग 30 सालों से हैं। इसलिए हमारे साथ में किसी औपचारिकता की जरूरत नहीं है… हमारा गठबंधन अटूट है और इसी में हमारी ताकत है।”
कांग्रेस ने कहा आज, दुश्मनी और विभाजन की ताकतें इस भाईचारे और सौहार्द की भावना को कमजोर करना चाहती हैं।पार्टी ने कहा, “इसलिए, एक बार फिर कांग्रेस दुश्मनी और विभाजन की ताकतों को हराने के लिए सरदार पटेल के जीवन सिद्धांतों का पालन करने और इन तत्वों की फर्जी खबरों की फैक्ट्री को उजागर करने का संकल्प लेती है।प्रस्ताव में कहा गया है, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सामाजिक न्याय के समर्थक राहुल गांधी और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे संघर्ष में ‘न्यायपथ’ पर चलने के लिए आज और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हैं। सरदार पटेल द्वारा दिखाया गया मार्ग यही मार्ग है।”
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, “विस्तारित कार्यसमिति ने सरदार वल्लभभाई पटेल के विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसे अब जारी किया जाएगा।”वहीं जयराम रमेश ने कहा, “कल जो प्रस्ताव पर चर्चा होने वाले हैं। एक राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर और दूसरा जो गुजरात को लेकर, जो राजनीतिक स्थिति है। उस विषय पर, प्रस्तावों पर यहां चर्चा हुई, वो पारित भी हुआ और कल उसका विस्तार से एआईसीसी में चर्चा होगी औऱ वो भी पारित होगा”