Indira Bhawan: कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में नई दिल्ली स्थित पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार (संचार विभाग) के अध्यक्ष पवन खेड़ा भी मौजूद थे।
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नई दिल्ली में 9ए कोटला रोड पर स्थित ‘इंदिरा भवन’ में आयोजित पत्रकार वार्ता में अजय माकन ने कहा कि वर्तमान में देश का सबसे बड़ा विपक्षी दल और पूर्व में जिस दल का इतिहास एवं आजादी का इतिहास पर्यायवाची हैं, उसके नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ (Indira Bhawan) से परिचय कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 19 नवंबर 2007 को कांग्रेस को इसकी जमीन आवंटित की थी। साल 2009 में इसका शिलान्यास हुआ और इस वर्ष 15 जनवरी को इसका उद्घाटन हुआ। ‘इंदिरा भवन’ का उद्देश्य ऐसा स्थान बनाना था, जो पार्टी मुख्यालय होने के साथ-साथ उसकी विरासत एवं उसके मूल्यों का प्रतीक भी बने।
अजय माकन ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना सबसे महत्वपूर्ण होता है। ‘इंदिरा भवन’ न केवल दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाले देश की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और सजग विपक्ष की भूमिका निभाने को तत्पर है। इस भवन (Indira Bhawan) के डिजाइन में पार्टी के गौरवशाली इतिहास और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को प्रतिबिंबित किया है। इसे आधुनिक कार्यक्षेत्र के रूप में भी विकसित किया है। इसके अलावा, इंदिरा भवन में समावेशिता और लोकतांत्रिक संवाद के मूल्यों को भी प्रतिबिंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में, ‘इंदिरा भवन’ (Indira Bhawan) में इस प्रकार की प्रक्रियाओं को विकसित किया जा रहा है, जिनसे देश भर के कार्यकर्ताओं का इस भवन में स्वागत हो तथा वरिष्ठ पदाधिकारी सभी से आसानी से मिलजुल सकें।
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अजय माकन ने आगे कहा कि ‘इंदिरा भवन’ की पांच मंजिला इमारत का कुल क्षेत्रफल 2100 वर्ग मीटर है। इस भवन (Indira Bhawan) में 276 सीट का एक सभागार है, बैठक आयोजित करने के लिए कई कमरे और कॉन्फ्रेंस हॉल हैं। कांग्रेस के हर अग्रणी संगठन और प्रकोष्ठ के लोगों, कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है। इसमें 134 पेड़, 8675 पौधे और 264 कलाकृतियां एवं चित्र हैं। कैफेटेरिया में नंदलाल बोस जी की पेंटिंग्स हैं, जो गांधी जी के निवेदन पर 1938 में ‘हरिपुरा कांग्रेस अधिवेशन’ में बनाई गई थीं। गांधी जी ने इस अधिवेशन की परिकल्पना भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में की थी, जो स्वतंत्रता संग्राम की भावना को प्रतिबिंबित करता था। उन्होंने कला को कांग्रेस के राजनीतिक और सामाजिक विमर्श में समाहित करने का प्रयास किया और यही कोशिश हम लोग इस ‘इंदिरा भवन’ के माध्यम से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘इंदिरा भवन’ की हर मंजिल कांग्रेस के एक युग के इतिहास को दर्शाती है। यह इतिहास भारत की आजादी का भी एक गौरवमयी इतिहास है। इस भवन (Indira Bhawan) की अनूठी विशेषता सेंट्रल एट्रियम है, जो भवन में खुलेपन और जुड़ाव का एहसास देता है। दूसरी विशेषता इसके स्थायी डिजाइन तत्व हैं। सोलर पैनल और एनर्जी एफिशिएंट प्रणालियां भवन को पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार एवं लंबे समय के लिए किफायती बनाती हैं। तीसरी विशेषता सार्वजनिक सहभागिता के स्थान हैं। कमेटी और कॉन्फ्रेंस रूम समुदाय की सहभागिता, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करते हैं।
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अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस का नया भवन इमारत नहीं, आजादी की एक गौरवशाली विरासत है। ‘इंदिरा भवन’ की बुनियाद में एक वैचारिक आंदोलन है, तो इसके शिखर पर संविधान की रक्षा का संकल्प भी है। इस ‘इंदिरा भवन’ की रगों में सीढ़ी-दर-सीढ़ी महात्मा गांधी जी के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ से लेकर राहुल गांधी जी के ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की गूंज दौड़ती नजर आएगी। ‘इंदिरा भवन’ (Indira Bhawan) उन लाखों कार्यकर्ताओं के अनुदान से बना है, जो यह मानते हैं कि कांग्रेस का अर्थ- सर्वहारा वर्ग के उत्थान का संघर्ष, भारत के सद्भाव की रक्षा और समावेशी विकास में आस्था है। माकन ने आगे कहा कि कांग्रेस संविधान के मूल्यों-लोकतंत्र, राष्ट्र्वाद, धर्मनिरपेक्षता, समावेशी विकास और न्याय को भवन के स्वागत कक्ष में दर्शाया गया है।