इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ द्वारा केंद्र सरकार से अब वार्ता कानून रद्द करने के प्रस्ताव आने के बाद करने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री को अन्नदाता द्वारा रखी गई मांगों पर गंभीरता दिखाते हुए उन्हें मान लेना चाहिए।
इनेलो नेता ने किसान संगठनों की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि किसान अब समझदार हो गया है और वो सरकार के किसी बहकावे में नहीं आएगा।
जब किसान काले कृषि कानूनों को नहीं मानना चाहता तों केंद्र सरकार क्यों इन कानूनों को जबरदस्ती थोंपना चाहती है इससे भाजपा सरकार की मंशा पर संदेह होना लाजमी है।
इनेलो नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों किसान विरोधी पार्टियां हैं और कारपोरेट घरानों की कठपुतली हैं, यह साफ दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस जब सत्ता में थी तब कारपोरेट घरानों की कठपुतली बन कर उनके फायदों के लिए यही कृषि कानून लाना चाहती थी और आज भाजपा भी देश के बड़े कारपोरेट घरानों के फायदे के लिए ये काले कानून लेकर आई है।
इनेलो नेता ने कहा कि आज देश के किसानों को धरने पर बैठे हुए 20 दिन हो गए हैं और लगभग 20 किसान अब तक शहीद हो चुके हैं लेकिन अन्नदाता के हौसले बुलंद हैं।
केंद्र की भाजपा सरकार को किसानों की भावनाओं के साथ-साथ जमीनी हकीकत को समझना चाहिए और ऐसे लोगों के साथ बैठ कर इन कृषि कानूनों के बारे में समझना चाहिए जो कृषि और जमीनी हकीकत से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए घातक हैं।
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