PM मोदी आज दिल्ली के ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’ कार्यक्रम में हुए शामिल

(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री मोदी आज दिल्ली के ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि “अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक लेकर जाना है, तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आज़ाद होना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश में कई फर्जी नैरेटिव गढ़े गए, वीर बाल दिवस हमें भारत की नई पहचान बताएगा। वीर बाल दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत में बाल-बालिकाओं ने शबद कीर्तन किया।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इतिहास और वर्तमान के कई पहलुओं को लेकर चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इतिहास की भूल और सुधार को लेकर बड़ा बयान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि यह आयोजन दशकों पुरानी इतिहास की भूल का सुधार है। पीएम मोदी ने साहिबजादों की शहादत और गुरु गोविंद सिंह के त्याग और बलिदान को देश की ना मिटने वाली अमर कहानी बताया।

पीएम मोदी ने वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे आज 26 दिसंबर के दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के तौर पर घोषित करने का मौका मिला। पीएम मोदी ने भारत के इतिहास में वीरता और पराक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि, हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं। लेकिन ये भी सच है कि, चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो ‘भूतो न भविष्यति’ था।

पीएम मोगी ने मुगलकाल का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, “एक ओर धार्मिक कट्टरता में अंधी इतनी बड़ी मुगल सल्तनत, दूसरी ओर, ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु, भारत के प्राचीन मानवीय मूल्यों को जीने वाली परंपरा! एक ओर आतंक की पराकाष्ठा, तो दूसरी ओर आध्यात्म का शीर्ष! एक ओर मजहबी उन्माद, तो दूसरी ओर सबमें ईश्वर देखने वाली उदारता! इस सबके बीच, एक ओर लाखों की फौज, और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर खड़े गुरु के वीर साहिबजादे! ये वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आजाद होना होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि हम आजादी के अमृत महोत्सव में देश के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वाधीनता संग्राम में कई ऐसे सेनानियों वीरांगनाओं ने भी भाग लिया था। इनका योगदान अंधेरे में है पीएम मोदी ने कहा कि हम उन लोगों के संघर्ष को सामने लाने उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में कई फर्जी नैरेटिव गढ़े गए, वीर बाल दिवस हमें भारत की पहचान बताएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि,उस दौर की कल्पना करिए! औरंगजेब के आतंक के खिलाफ, भारत को बदलने के उसके मंसूबों के खिलाफ, गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे लेकिन, जोरावर सिंह साहब और फतेह सिंह साहब जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगजेब और उसकी सल्तनत की क्या दुश्मनी हो सकती थी? दो निर्दोष बालकों को दीवार में जिंदा चुनवाने जैसी दरिंदगी क्यों की गई? वो इसलिए, क्योंकि औरंगजेब और उसके लोग गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहते थे। लेकिन, भारत के वो बेटे, वो वीर बालक, मौत से भी नहीं घबराए। वो दीवार में जिंदा चुन गए, लेकिन उन्होंने उन आततायी मंसूबों को हमेशा के लिए दफन कर दिया।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था और आध्यात्मिक परंपरा नहीं है बल्कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के विचार का भी प्रेरणा पुंज है। पीएम मोदी ने कहा कि युवा अपने साहस से समय की धारा को हमेशा के लिए मोड़ देता है और इसी संकल्प शक्ति के साथ आज भारत की युवा पीढ़ी भी अग्रसर हो चुकी है आगे बढ़ रही हैं।

इसी साल 9 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर पीएम मोदी ने 26 दिसंबर को सिख गुरु के पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। आज हुए इस कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी शिरकत की।

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