(आवेस खान ): आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों यानी EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ 13 सितंबर को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता द्वारा तैयार ड्राफ्ट मुद्दों को सभी पक्षकारों को दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुरुवार तक सब पक्षकार अपने मुद्दे तैयार कर लें। सुप्रीम कोर्ट 8 सितंबर को आगे तय करेगा कि मामले की सुनवाई किस तरीके से और कितने समय में की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ईडब्ल्यूएस पर सुनवाई पांच दिनों में खत्म करने की कोशिश करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में आज मामले की सुवनाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उनको मामले में जिरह करने के लिए 17 घंटे का समय लगेगा, वहीं अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनको बहस के लिए 3 घंटे का समय चहिये। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुनवाई 20 घंटे में पूरी की जा सकती है। दरअसल केंद्र सरकार ने 103वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दाखिलों तथा लोक सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान जोड़ा था।
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सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिकाओं और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने मुसलमानों को आरक्षण देने वाले एक स्थानीय कानून को खारिज कर दिया था। आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट की पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने चार भिन्न मतों वाले फैसले में ‘स्टेट टू मुस्लिम कम्युनिटी अधिनियम’ 2005 के तहत इन प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित किया था।
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