अमन पांडेय : 26 जनवरी से पहले राजधानी दिल्ली में आतंकियों का धरपकड़ जारी है। जहांगीरपुरी से हाल ही में गिरफ्तार किए गए 2 संदिग्ध आतंकियों के बाद अब 2 और संदिग्ध आतंकियों को गिरप्तार किया गया है। दोनों ही किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। लेकिन इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें आरेस्ट कर लिया।
गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर निवासी जगप्रीत उर्फ जग्गा और गुरुप्रीत के रुप में हुई है। दोनों चचेरे भाई हैं । ये पंजाब में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने कि साजिश रच रहे थे। इनके निशाने पर पंजाब का एक राजनेता भी था। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के पुलिस ने दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISIके संपर्क में थे और राइट विंग लीडर की हत्या करना चाहते थे। दोनों का क्रिमिनल रिकॉर्ड है। नौशाद पर पूर्व में हत्या के दो मामले दर्ज है। पुलिस ने बताया था कि नौशाद और जगजीत के पास से 3 पिस्टल और 22 कारतूस मिलें थे। आतंकी अर्श डल्ला इन्हें कंट्रोल कर रहा था। ये बात भी सामने आई थी कि 15 दिसंबर को इन्होंने एक आदमी की हत्या की थी। इस वारदात को अंजाम देने के बाद पाकिस्तान में इसकी सूचना भी दी थी।
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नौशाद और जगजीत दोनों हल्द्वानी जेल में मिले थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन्हें हथियार कहां से मिले । इससे पहले संदिग्ध आतंकियों की निशनदेही पर पुलिस ने शनिवार को भलस्वा स्थित एक प्लॉट से शव के टुकड़े बरामद किए थे। शव को 8 से 9 टुकड़ो में काटा गया था। दोनों संदिग्धों ने विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर एक शख्स का गला काटा और उसकी लाश के कई टुकड़े करके भलस्वा डेरी इलाके में फेंक दिए थे।
चौकाने वाली बात ये है कि जहां दंगा हुआ, वहां दिल्ली पुलिस की आंख में धूल झोककर महीनों से अपना ठिकाना बनाया हुआ था। लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। बता दे कि जुलाई 2022 में जहांगीरपुरी में राम नवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी। उसके बाद इलाके में लोकल पुलिस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल और जगजीत ने यहां अपना ठिकाना बनाया था।