COURT: दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ दर्ज कथित धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर शुक्रवार शाम या शनिवार को आदेश सुनाएंगी।प्राथमिकी, खुद को कोई और व्यक्ति बताते हुए धोखाधड़ी करने, किसी व्यक्ति को संपत्ति सौंपने या उसे रखने के लिए सहमति देने के वास्ते बेईमानी से प्रेरित कर धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार करना और उसे असली के रूप में उपयोग करना तथा आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों के तहत दर्ज की गई थी।
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स्वयंभू धर्मगुरु पर यहां एक निजी प्रबंधन संस्थान की 17 छात्राओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने का भी मामला दर्ज किया गया है।दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि चैतन्यानंद ने कथित तौर पर संस्थान पर अपना नियंत्रण मजबूत कर लिया था और इसे संचालित करने वाले जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम की संपत्तियों को वित्तीय लाभ के लिए निजी कंपनियों को किराये पर दिया था।COURT
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एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कथित तौर पर उसने इस राशि का इस्तेमाल महंगी गाड़ियां खरीदने में किया।’’ पुलिस ने बताया कि अब तक चैतन्यानंद के पास दो कारें मिली हैं — एक वोल्वो, जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट ’39 यूएन 1′ है और फर्जी पते पर पंजीकृत है तथा एक बीएमडब्ल्यू, जो उसने मार्च में खरीदी थी। दिल्ली पुलिस ने स्वयंभू बाबा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिल्ली के एक प्रबंधन संस्थान की कई छात्राओं ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छापेमारी और निगरानी के बावजूद आरोपी फरार है।शिकायत चार अगस्त को वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।COURT