श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने देश भर में कोविड-19 संक्रमण के घटते मामलों को ध्यान में रखते हुए फैसला किया है कि 21 फरवरी से श्रद्धालुओं को मंदिर में एंट्री करने के लिए कोरोना वैक्सीन की डबल डोज का सर्टिफिकेट ले जाने की जरूरत नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ निजोग (सेवकों का सर्वोच्च निकाय) की बैठक की राय के आधार पर, पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में एंट्री के लिए भक्तों द्वारा 21 फरवरी से फुल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या आरटी–पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाने के आदेश को वापस लेने का फैसला लिया है। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
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उन्होंने कहा कि COVID-19 मामलों में गिरावट और लोगों की भावना को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है। कुमार ने कहा, “ज्यादातर लोगों को कम से कम दो बार टीका लगाया जा चुका है, मंदिर प्रशासन ने प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया है।“
20 दिनों के बंद के बाद 1 फरवरी को मंदिर को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया। अब भक्तों को मंदिर के दर्शन से पहले 98 घंटे के भीतर COVID-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या नेगेटिव आरटी–पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के साथ अपना फोटो आईडी कार्ड लाना आवश्यक था।
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने कहा कि श्रद्धालुओं को 21 फरवरी से मंदिर के दर्शन के लिए डबल डोज टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर जाने के लिए आरटी–पीसीआर प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।
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