(प्रियांशी श्रीवास्तव) : एक ऐसी चौकाने वाली खबर सांमने आई है जिससे हर कोई हैरान है। दरअसल वाक्या ही कुछ इस तरह का है। जहां बेटियों ने जायदाद के लिए जन्म देने वाले पिता को जीवित रहते हुए ही म़ृत करार दिया। ये घटना इंसानियत को शर्मसार कर रही है। शर्मिंदा बाप ने कहा कि ऐसी औलाद भगवान किसी को न दे।
कलियुगी बेटों के कई किस्से सुने होंगे, जिन्होंने जमीन-जायदाद के लिए अपनों को नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन हम आज आपको दो ऐसी कलियुगी बेटियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने जमीन के एक छोटे से टुकड़े के लिए अपने पिता को ही मृत घोषित करा दिया। अब बेटियों का सताया पीड़ित पिता पिछले लगभग 17 सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक पीड़ित पिता चक्कर लगा रहा है, लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
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यह पूरा मामला बाराबंकी जिले के सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के तुरकानी गांव के मूल निवासी सत्यनारायण से जुड़ा है। उनका विवाह बंकी ब्लॉक के बड़ेल गांव की सरोज कुमारी के साथ हुआ था। बड़ेल गांव अब नगर पालिका परिषद नवाबगंज का हिस्सा है। सत्यनारायण की दो लड़कियां प्रीति और ज्योति सैनी हैं। उनके मुताबिक, 12 अक्टूबर 2005 को पत्नी सरोज कुमारी का निधन हो गया था। सत्यनारायण का आरोप है कि सात बीघा जमीन के लिए उनकी दोनों बेटियों ने उन्हें मृत घोषित करा दिया।वहीं पीड़ित के दामाद पवन सैनी के मुताबिक, इस गलत विरासत को निरस्त कराने के लिए उन्होंने नायब तहसीलदार प्रतापगंज के न्यायालय में साल 2006 में मुकदमा दाखिल किया था, जो अब भी लंबित है। उन्होंने बताया कि साल 2013 में बाराबंकी की तत्कालीन डीएम मिनिस्ती एस ने जांच कराई थी, जिसके बाद 23 अक्टूबर 2013 को तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी ने सत्यनारायण के जिंदा होने की परिवार रजिस्टर की नकल जारी की, लेकिन नायब तहसीलदार के मुकदमे में सत्यनारायण को अभी भी जीवित नहीं माना गया है।