Crime News: गुजरात में चीन के साइबर ठगों को धोखाधड़ी से खोले गए बैंक खाते मुहैया कराने के आरोप में एक गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इन बैंक खातों में धोखाधड़ी से हासिल की गई रकम को हस्तांतरित किया जाता था।
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अहमदाबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अब तक 109 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें गुजरात से मिलीं चार शिकायतें शामिल हैं। ये शिकायतें इस गिरोह द्वारा पूरे भारत में पीड़ितों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए गए इन बैंक खातों के संबंध में हैं।
पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) लवीना सिन्हा ने कहा कि ये गिरोह जाली आधार कार्ड का उपयोग कर चीन के साइबर अपराधियों के लिए बैंक खाते खोलता था। ये अपराधी ‘डिजिटल अरेस्ट’, नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, किसी काम से संबंधित धोखाधड़ी और निवेश धोखाधड़ी के जरिये लोगों को ठगते थे। इन खातों के जरिये 21 राज्यों के लोगों को ठगा गया। विज्ञप्ति में कहा गया कि साइबर अपराध शाखा ने एक विशेष सूचना के आधार पर कुछ दिन पहले शहर के चांदखेड़ा इलाके में एक अपार्टमेंट पर छापेमारी की और पड़ोसी राज्य राजस्थान के नौ लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 12 मोबाइल फोन, 43 एटीएम कार्ड, 15 सिम कार्ड, 21 चेक बुक, आधार और पैन कार्ड जब्त किए।
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विज्ञप्ति के अनुसार आरोपित राजस्थान के मूल निवासी सुनील धीरानी के कहने पर अहमदाबाद आए थे। इसमें कहा गया, “मुख्य आरोपित और उसके साथी ललित बिश्नोई के निर्देश के मुताबिक इन आरोपितों ने जाली आधार कार्ड का उपयोग कर शहर में कई बैंक खाते खोले थे। छापेमारी में जब्त किए गए कुछ आधार कार्ड पर नंबर तो एक ही थे, लेकिन पते अलग-अलग थे, जिनमें चांदखेड़ा, मोरबी और राजकोट के पते शामिल थे। विज्ञप्ति के मुताबिक, धीरानी को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम राजस्थान के जोधपुर गई है, लेकिन वह अभी तक पकड़ा नहीं गया है। इसमें कहा गया है कि हालांकि, पुलिस ने ललित बिश्नोई और कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया है।
