Cyclone Montha: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के मंगलवार 28 अक्टूबर की रात में काकीनाडा के दक्षिण में पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश तट से गुजरने के दौरान मछलीपत्तनम में तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। चक्रवाती तूफान की वजह से पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे टूट गए और कृष्णा और एलुरु जिलों के कई तटीय गांवों में भारी नुकसान हुआ। आपदा प्रतिक्रिया दल और नगर निगम के कर्मचारी प्रभावित इलाकों में सड़कें साफ करने और बिजली सप्लाई बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, कुछ इलाके अब भी चक्रवात के असर से जूझ रहे हैं। यहां बिजली सप्लाई और सड़क संपर्क अब भी बाधित है। Cyclone Montha
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वहीं काकीनाडा में मौसम साफ होने लगा है। बारिश रुक गई है और मछुआरे तट पर लौट आए हैं। समुद्र शांत हो गया है। हालांकि तट पर जमा मलबा चक्रवात के असर की झलक पेश कर रहा है। विजयवाड़ा शहर में बुधवार सुबह तेज आंधी के साथ भारी बारिश हुई जिससे कई पेड़ उखड़गए और कुछ सड़कें पानी में डूब गईं। नगर निगम की टीमें नालियों की सफाई और यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए काम में जुटी दिखीं। मोंथा का थाई भाषा में मतलब ‘सुगंधित फूल’ होता है। ये चक्रवाती तूफान अब ओडिशा के गोपालपुर से लगभग 460 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है। इसकी वजह से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। Cyclone Montha
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मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के यनम में अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी से बहुत ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। वहीं मौसम विभाग ने 30 अक्टूबर के लिए, कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मरम्मत का काम जारी रहने और चक्रवात मोंथा के तेजी से कमजोर पड़ने के साथ, तटीय क्षेत्रों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।अधिकारी प्रभावित जिलों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
