प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लग सकता है। चुनाव आयोग ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी है।ख़बर है कि इसमें चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की है।चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी है।बीजेपी की ओर से दायर इस याचिका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इस घटनाक्रम से झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नैतिक आधार पर मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ना चाहिए।निशिकांत दुबे ने कहा, बीजेपी मांग करती है कि विधानसभा को भंग करके चुनाव होने चाहिए। इस बीच पूरे विवाद के बीच झारखंड सीएम के कार्यालय से बयान जारी किया गया है।इसमे कहा गया कि सीएमओ को चुनाव आयोग या फिर राज्यपाल की तरफ से सोरेन को अयोग्य करार देने के संदर्भ में कोई लेटर नहीं मिला है
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ट्वीट करते हुए सीएम हेमेंत सोरेन ने कहा कि, ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहां की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!’ झारखंड घटनाक्रम पर कांग्रेस राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने भी बयान दिया।अविनाश पांडे ने कहा कि हम चुनाव आयोग के किसी भी निर्णय का स्वागत करेंगे। हालांकि यह भी साफ है कि झारखंड की सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी लगातार तिगड़म भिड़ा रही थी। हम आगे की रणनीति बनाएंगे।
फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम के बाद झारखंड में हलचल बढ़ी हुई है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर झारखंड का सीएम रहते खनन पट्टा खुद को और अपने भाई को जारी करने का आरोप है। ईडी ने हाल ही में खनन सचिव पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था, पूजा ने ही खनन का लाइसेंस जारी किया था।