नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाला के मुद्दे को राज्यसभा के शून्यकाल में उठाने की अनुमति मांगी है।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा की मांग है कि एचपीएससी भर्ती मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए, दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा नोटिस में लिखा है कि हरियाणा सरकार इस मामले में चुप्पी और निष्क्रियता से इतने बड़े भर्ती घोटाले पर पर्दा डालने का काम कर रही है।
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था।
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17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था। वहीं, से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए।
विजिलेंस की रेड के बाद अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं, इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया।
देश की दोनों सदनों में कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है। सरकार के इस बड़े फैसले के बाद भी मचा घमसान रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
इसी बीच हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने संसद में किसानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।
दीपेंद्र हुड्डा की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से लाखों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस दौरान 681 में अधिक किसान अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। एक आदर्श लोकतंत्र की संसद का कर्तव्य है कि देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे और उनको उचित संरक्षण दिया जाए।
उन्होंने आगे लिखा कि इस अति-महत्वपूर्ण मुद्दे पर सदन का कार्य स्थगित कर MSP की कानूनी गारंटी, सभी 681 दिवगंत किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और आदोलन के दौरान किसान भाइयों पर दर्ज मामलों को वापिस किया जाए।