Delhi DU: दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा के परिवार के सदस्यों ने रविवार (13 अक्टूबर) को कहा कि उनकी इच्छा के अनुसार उनका पार्थिव शरीर यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को 14 अक्टूबर को यहां के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया जाएगा। साईबाबा (58) का यहां के सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के कारण निधन हो गया। कथित माओवादी संबंधों के मामले में उन्हें सात महीने पहले बरी किया गया था।
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बता दें, 14 अक्टूबर को निम्स के शवगृह में रखे गए उनके पार्थिव शरीर को गन पार्क ले जाया जाएगा और वहां से उन्हें यहां उनके भाई के आवास पर ले जाया जाएगा और सार्वजनिक श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा। परिवार ने कहा कि इसके बाद एक शोक सभा होगी। साईबाबा पित्ताशय के संक्रमण से पीड़ित थे और दो हफ्ते पहले उनका ऑपरेशन किया गया था, लेकिन बाद में समस्याएं बढ़ गईं। शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वो पिछले 20 दिनों से निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में भर्ती थे। साईबाबा के परिवार में पत्नी और बेटी हैं।
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साईबाबा की बेटी मंजीरा ने पीटीआई वीडियो को बताया, ये हमेशा से उनकी (साईबाबा की) इच्छा रही है (मेरा शरीर दान करना)। हमने पहले ही एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट (हैदराबाद में) को उनकी आंखें दान कर दी हैं और सोमवार उनका शरीर भी दान कर दिया जाएगा। मंजीरा ने कहा कि उन्हें इसकी (साईबाबा की मौत) उम्मीद नहीं थी। वो अपने पित्ताशय के ऑपरेशन से उबर रहे थे। उन्होंने याद किया कि आखिरी बार जब उन्होंने अपने पिता से बात की थी तो वह एक दिन पहले शाम को थे और उन्होंने कहा था कि सब ठीक हो जाएगा। हममें से कोई भी, यहां तक कि वह भी नहीं सोच सकते थे कि ऐसा कुछ होगा। उनके अनुसार, परिवार के सदस्य उम्मीद कर रहे थे कि साईबाबा ठीक हो जाएंगे और वापस आ जाएंगे।
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