Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मामले राष्ट्रीय राजधानी के राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहे हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और के कविता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी दी। कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दिए गए दस्तावेजों का निरीक्षण किया। काउंसेल ने कहा कि हमने रजिस्टर के साथ एक महीने की अनुपालन रिपोर्ट की प्रतियां भेजी हैं और जहां तक कुछ आरोपियों के सवाल हैं, यह पूरी हो चुकी है। ईडी ने कोर्ट में कहा कि हार्ड ड्राइव और सॉफ्ट कॉपी में समस्याएं थीं, इसलिए हार्ड कॉपी की मांग की गई।
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बता दें, 26 फरवरी 2022 से, AAP अध्यक्ष मनीष सिसोदिया जेल में हैं। दिल्ली की नई शराब नीति का प्रभार सिसोदिया ही था। यह आरोप लगाया गया है कि आबकारी मंत्री होने के दौरान सिसोदिया ने ‘मनमाने’ और ‘एकतरफा’ निर्णय लिए थे, जिससे सरकारी बजट को नुकसान हुआ और शराब कारोबारियों को लाभ हुआ। K. Kavita पर ED का दावा है कि “साउथ ग्रुप” ने विजय नायर सहित आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इस साउथ ग्रुप में कविता शामिल थीं। दक्षिण के राजनेता, नौकरशाह और कारोबारी इस ग्रुप में शामिल हैं। ED के अनुसार, कविता ने 19 और 20 मार्च 2021 को आरोपी विजय नायर से मुलाकात की थी। जिसके बाद कविता को ईडी ने इसी साल 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी को लागू किया। नई पॉलिसी ने पूरी दुकानों को निजी हाथों में सौंप दिया, जिससे सरकार शराब कारोबार से बाहर निकल गई। दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से सरकारी आय में वृद्धि होगी और माफिया शासन को समाप्त करेगा। हालाँकि, ये नीति शुरू से ही विवाद में रही थी, इसलिए जबबात ज्यादा बढ़ने लगीं तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया। 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट में कथित शराब घोटाला सामने आया। इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की। उसमें धन की हेराफेरी का भी आरोप लगा, इसलिए ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए भी केस दर्ज किया।
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मुख्य सचिव की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत शराब नीति बनाने का आरोप लगाया गया था। मनीष सिसोदिया ने आबकारी विभाग भी संभाला। आरोप लगाया गया कि नई नीति ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अवैध फायदा दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड का बहाना बनाकर 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई। जबकि इस धन को जब्त किया जाना था, एयरपोर्ट क्षेत्र के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ रुपये लौटा दिए गए।
