राष्ट्रपति मुर्मू ने दिया हरित परिवर्तन के लिए अहम खनिजों पर ज्यादा ध्यान देने पर जोर

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Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार 20 अगस्त को हरित परिवर्तन के लिए अहम खनिजों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। लिथियम सहित महत्वपूर्ण खनिज, पवन चक्की से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं। इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी के उत्पादन में इनकी खास तौर पर मांग है।

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बता दें, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार समारोह में मुर्मू ने कहा कि अहम खनिज मिशन हरित परिवर्तन के लिए जरूरी कच्चा माल उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए भारत ‘नेट-ज़ीरो’ उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्ध है। ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन का मतलब है कि कोई देश जितना कार्बन उत्सर्जन करता है, उतना ही कार्बन खत्म करने की व्यवस्था भी करे। नेट जीरो का मतलब ये नहीं है कि कार्बन का उत्सर्जन शून्य हो जाएगा। मुर्मू ने ये भी कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए खनिज उत्पादन और खनिज अन्वेषण पर आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार अहम खनिजों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा कि 14 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों को बिक्री के लिए रखा गया है। रेड्डी ने कहा कि सरकार अपतटीय ब्लॉकों के दोहन को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम भारत को खनन क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे। सरकार लिथियम सहित महत्वपूर्ण खनिजों के विकास के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना बना रही है। क्षेत्र के विकास के लिए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने पर भी जोर दिया जाएगा। सरकार महत्वपूर्ण खनिज मूल्य श्रृंखला में वैश्विक अनुसंधान और विकास सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी।

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विदेशों में परिसंपत्तियों के अधिग्रहण में भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार खनन और खनिज उत्खनन अवसंरचना की स्थापना के लिए लक्षित सब्सिडी देगी। खान मंत्रालय खनिज उत्खनन अवसंरचना के विकास में सहयोग के लिए विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा।

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