देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली के अवसर पर लगाए गए पटाखों के बैन के बावजूद लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर जमकर आतिशबाजी की। जिसके कारण शुक्रवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 7 बजे शहर के 39 स्टेशनों पर औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 329 यानी कि बहुत खराब स्थिति में पाया गया। वहीं आनंद विहार में सबसे खराब AQI 419 दर्ज किया गया है।
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आपको बता दें, देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर लगाए गए पटाखों के बैन के बावजूद लोगों ने सबकुछ दरकिनार कर दिवाली के मौके पर जमकर आतिशबाजी की। पटाखों के लगातार फोड़े जाने से दिल्ली धुएं की चादर से ढंक गई, क्योंकि लोगों ने पटाखों पर लगे प्रतिबंध का खुला उल्लंघन किया। इस कारण से गंभीर ध्वनि प्रदूषण के साथ वायु प्रदूषण देखने को मिला है। इस कारण कई इलाकों में विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है।
दिल्ली में बीती रात 10 बजे AQI 330 दर्ज किया गया था। वहीं दिवाली पर पटाखों के प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी ने दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया है। हालांकि सरकार ने दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को सुनिश्चित कराने के लिए 377 प्रवर्तन टीमों का गठन किया था और लोकल संघों के जरिए जागरूकता भी फैलाई थी, लेकिन बावजूद उसके पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों के उल्लंघन की सूचना मिली है। वहीं दिल्ली के आनंद विहार में सबसे खराब स्तर पर AQI 419 दर्ज किया गया है।
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इसके अलावा दिल्ली के आसपास के शहर नोएडा में AQI का स्तर 356, गाजियाबाद में 395, गुरुग्राम में 346, फरीदाबाद में 311 दर्ज किया गया है। हालांकि ठंडे मौसम, वाहनों और पटाखों के धुएं और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में धुंध बढ़ गई है, जो आगे चलकर सर्दियों में चरम पर होगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार नवंबर की शुरुआत में प्रदूषण का उच्चतम स्तर होने का अनुमान है क्योंकि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने की आशंका है।