Diwali 2024: दिवाली हिंदू धर्म के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं इस पर्व को हिदू धर्म के लोग बड़े ही धूम – धाम से मनाते है.लेकिन दिवाली पर्व क्यों मनाया जाता हैं इस बारे में एक नहीं कई कहानिया प्रचलित है. स्कंद, पद्म और भविष्य पुराण में दीपावली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं.इनमें से एक मुख्य मान्यता प्रचलित है. कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या पर जब भगवान श्रीराम जी अयोध्या लौटे थे तो उनके स्वागत में अनगिनत दीप जलाए गए थे. तभी से दीपोत्सव की शुरूआत हुई और दिवाली मनाई जाने लगी. ये कहानी तो सभी जानते हैं लेकिन दिवाली का मां लक्ष्मी से क्या संबंध है, दिवाली पर श्रीराम अयोध्या से लौटे थे लेकिन इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा क्यों होती है.आइये जानते है.
Read also- केक खाने के शौकीन हो जाएं सावधान नहीं तो हो सकते हैं इन बीमारियों के शिकार
श्रीराम के लौटने पर जले थे दीये – रामायण से जुड़ी गाथाओं के अनुसार, त्रेता युग में कार्तिक मास की अमावस्या के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे. उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर मिठाई बांटी थी. श्रीराम की वापसी की खुशी में हर साल इस दिन दीप जलाकर और मिठाइयां बांटकर उत्सव मनाया जाता है.
दिवाली पर क्यों होती है लक्ष्मी पूजा ? – मार्कंडेय पुराण का कहना है कि जब धरती पर सिर्फ अंधेरा था तब एक तेज प्रकाश के साथ कमल पर बैठी देवी प्रकट हुईं. वो लक्ष्मी थीं। उनके प्रकाश से ही संसार बना. इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा की परंपरा हैं.इस दिन लोग घरों को सजाते हैं और मां लक्ष्मी का स्वागत कर उनकी पूजा की जाती है.ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात लक्ष्मी-विष्णु विवाह भी हुआ था.
Read also- सरकारी कॉलेज के हॉस्टल में डिनर के बाद करीब 50 लड़कियों की बिगड़ी तबीयत
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व- माता लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी माना जाता है. कार्तिक अमावस्या की पावन तिथि पर धन की देवी को प्रसन्न कर समृद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है. मान्यता है इस दिन जो रात्रि या प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करता है उनके घर कभी धन की कमी नहीं होती.