दिल्ली में इंडिया आर्ट फेस्टिवल का आठवां संस्करण शुरू हुआ

 Arts Festival: दिल्ली में गुरुवार को इंडिया आर्ट फेस्टिवल का आठवां संस्करण शुरू हुआ। फेस्टिवल में 400 कलाकारों ने 3,500 बेहतरीन कलाकृतियां प्रस्तुत की हैं।कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित फेस्टिवल में कलात्मक शैलियों और अभिव्यक्तियों की समृद्ध टेपेस्ट्री है। शैलीबद्ध आलंकारिक, अमूर्त रचनाओं, पारंपरिक स्वादों से लेकर वास्तुशिल्प भव्यता, सीनरी, धार्मिक कला और वन्यजीव कला तक अद्वितीय कला रूप दिखाए गए हैं।राजेंद्र पाटिल, संस्थापक निदेशक कला महोत्सव:हमने 2011 में जिस तरह से शुरुआत की थी, ये हमारा 13वां साल है। इवोल्यूशन इंडिया आर्ट फेस्टिवल हमने मुंबई से दिल्ली से बेंगलुरू तक शुरू किया। ये आकार और गुणवत्ता में बढ़ रहा है। पिछले साल 27,000 लोग आए थे और इस साल सुबह से ही हमने भारी भीड़ देखी है। हम चार दिनों में 30,000 का आंकड़ा पार करने की उम्मीद कर रहे हैं।

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चार दिन चलने वाले फेस्टिवल में 100 से ज्यादा मनभावन बूथ लगे हैं। शैली के लिहाज से चाहे स्थिर जीवन हो, परंपरा पर आधारित पेंटिंग हो, वन्य जीवन हो या कलाकार पावनी नागपाल की देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पण, तमाम कलाकृतियां दर्शकों के लिए मनोरम खूबसूरती पेश करती हैं।इंडिया आर्ट फेस्टिवल में हर किसी के लिए जगह है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बड़े कलाकार हैं या आपने बहुत कम उम्र में अपना करियर शुरू किया है। यहां कोई भेदभाव नहीं है। इसलिए यहां काम करना अपने आप में एक अच्छा अनुभव है।

फेस्टिवल में आर्टिफीशियल गैलरी, आर्टिफियर, ऑरा प्लैनेट, एमिनेंट आर्ट गैलरी, स्पीकिंग आर्ट फ़ाउंडेशन, स्टूडियो 55 आर्ट गैलरी और दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता और दुबई की कई गैलरी शामिल हैं।कला प्रेमियों के लिए शानदार पेशकश के अलावा फेस्टिवल में कई फ्यूजन शो, लाइव संगीत, मंत्रमुग्ध कर देने वाली लाइव पेंटिंग और फिल्म स्क्रीनिंग भी होती है।दर्शकों का मानना है कि फेस्टिवल असीमित रचनात्मकता की प्रस्तुति है। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है।अद्भुत अनुभव है। चित्रकला की शैलियां और विविधता अद्भुत है। मैं अलग-अलग तकनीकों वाले कुछ महान कलाकारों से मिली। बहुत प्रभावशाली हैं।इंडिया आर्ट फेस्टिवल की स्थापना 2011 में हुई थी। इसकी शाखाएं मुंबई और बेंगलुरू में भी हैं। फेस्टिवल भारत में प्रमुख समकालीन कला की पेशकश बन चुका है। खास कर मध्य-स्तरीय कला दीर्घाओं के साथ-साथ उभरते, मध्य-करियर कलाकारों के लिए वरदान साबित हो रहा है।ये फेस्टिवल पांच नवंबर को खत्म होगा।

(Souce PTI )

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