Kaithal: सावन शुरू होने से पहले ही बाजार में मची फिरनी मिठाई की धूम

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Kaithal: सावन माह के शुरू होने से पहले ही सावन के मेवे के नाम से मशहूर फिरनी मिठाई की लगातार मांग बढ़ने लगी है। कैथल जिला में बनने वाली फिरनी मिठाई को खाने की चाह रखने वाले लोगो को Kaithal में उनके रिश्तेदारों दोस्तों द्वारा देश विदेश में उपहार के रूप में भेजी जा जाती है, हरियाणा परम्परा का मशहूर त्यौहार  हरियाली तीज पर लोग अपनी बहन बेटियों को भेजे जाने वाली कोथली में फिरनी की मिठाई विशेष तौर पर भेजी जाती है। और इस का सावन की हरियाली तीज में विशेष महत्व होता है।

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Kaithal शहर के बाजार में फिरनी के  रंग बिरंगे बैनर सजे हुए है। मिठाई की दुकानों पर फिरनी और घेवर को सजा कर रखा हुआ है और सुबह से शाम तक लोग इन दुकानों पर आ कर फिरनी और घेवर की खरीददारी कर रहे है। Kaithal के बाजारों में  हलवाइयों और  मिठाइयों  की दुकान आजकल फिरनी और घेवर से सजी हुई है और कई  दुकानें शहर में फिरनी के लिए खास तौर पर मशहूर है। और मिठाई की दुकानों पर जहां  सुबह से शाम तक आज कल फिरनी और घेवर लेने वालो  की बड़ी भीड़ लगी रहती है।

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Kaithal के मैन बाजार में  फिरनी विक्रेता पवन भारती और प्रेम चंद, ने कहा कि उनके यहां  फिरनी और खोया घेवर हर समय ताजा तैयार रहता है। उन्होंने कहा कि सावन का मेवा नाम से मशहूर इस  फिरनी मिठाई की लोगों को बहुत इंतजार रहता है।  सावन माह शुरू होने से कुछ दिन पूर्व ही यह फिरनी मिठाई Kaithal में जगह-जगह पर कारीगरों द्वारा बनानी शुरू  कर दी जाती है। और फिरनी खरीदने वालो की दुकानों पर सुबह से शाम था भारी भीड़ लगी रहती है।  उन्होंने कहा कि तीज के त्यौहार के मोके पर फिरनी की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है क्यों कि सभी लोग अपनी बहन बेटियों को तीज की कोथली में फिरनी मिठाई विशेष तोर पर भेजते है।

कारीगरों ने बताया फिरनी की मिठाई का राज

इसके साथ ही फिरनी की खास मिठाई बनाने वाले कारीगरों ने कहा कि Kaithal शहर में सावन माह के दौरान सावन का मेवा फिरनी मिठाई बनने से कैथल पुरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी फिरनी मिठाई के लिए जाना जाता है। और फिरनी मिठाई का सावन माह में हरियाणवी संस्कृति के विशेष त्यौहार तीज पर महत्व बहुत बढ़ जाता है। और लम्बे समय से कैथल जिला में फिरनी मिठाई सावन माह से पहले ही बननी शुरू हो जाती है। फिरनी बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि कैथल जिला के पानी में कुछ ऐसी चीज होती है जिससे कैथल जिला के हलवाई और कारीगर इस फिरनी मिठाई को बहुत अच्छे ढंग से तैयार करते है। मैदा घी और चीनी से तैयार होने वाली फिरनी मिठाई साल में केवल तीन माह तक ही बनती है। यह मिठाई जून माह में शुरू हो कर राखी के त्यौहार अगस्त माह तक बनाई जाती है।

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